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अब्बू का लण्ड |
वह बोला- मैं कितनी देर से ढूंढ रहा हूँ तुझे ? तू पता नहीं कहा अपनी माँ चुदा रही थी .
मैं बोली - अब्बू, मैं माँ नहीं चुदा रही थी . मैं तो लण्ड चूस रही थी .
वह बोला - तो फिर लण्ड पिया भी होगा तूने ?
मैं बोली - अब तू ही सोंच, माँ के लौड़े, अब्बू जब मैं कोई लण्ड चूसूंगी तो साला खलास तो हो ही जायेगा ? और जब खलास हो जायेगा तो फिर लण्ड उगलेगा मलाई और जब लण्ड उगलेगा मलाई तो मैं उसे पियूंगी जरुर ? मैं क्या कोई भी होगी तो वह ऐसे में लण्ड पीयेगी जरुर ? लण्ड की मलाई कौन छोड़ता है अब्बू ?
अब्बू का गुस्सा शांत हो गया ,
वह बोला - देख मेरा एक दोस्त आ रहा है . तू गाडी निकाल ले और उसे ले आ ? देख जल्दी आना , इधर उधर माँ न चुदाना सीधे लेकर घर चली आना ? उसका नाम है रफ़ी . मैंने उसको गाडी नंबर बता दिया है ? तू बहन की लौड़ी उसे परेशान न करना ?
मैंने पूंछा - अब्बू किसलिए आ रहा है तेरा दोस्त रफ़ी ?
अब्बू बोला - तेरी माँ चोदने आ रहा है ? मेरी बेटी चोदने आ रहा है ? गांड मराने आ रहा है तुझको इससे क्या ? चल जा जल्दी लेकर आ उसे ? और देख कोई गन्दी बात मत करना उससे ?
मैं अपनी सहेली सलमा को लेकर स्टेशन पहुँच गयी . हम दोनों अपनी गाडी के इधर उधर ही खड़ी थीं . खूब बातें कर रही थी
वह बोली :- यार कल वाला लण्ड साला बड़ा मस्त निकला . पहले मुझे चोदा और फिर मेरी माँ चोद कर गया
मैं बोली :- कल मैंने दो लण्ड एक साथ पिये . बड़ा मज़ा आया , बड़े स्वादिस्ट थे दोनों लण्ड ?
वह बोली :- यार आजकल जाने क्यों गांड मराने का मन करता है ?
मैं बोली :- हां तो मरा लो उसमे क्या ? मैं तो जब कब मराती रहती हूँ गांड . मेरी माँ भी मराती है गांड ?
वह बोली :- मेरी माँ को तो अपना भोषडा चुदाने से फुर्सत नहीं है यार .
तक एक आदमी गाडी के पास आया . देखने में तो ठीक ठाक था . मैंने कहा अबे मादर चोद क्या देख रहा है बहन चोद ? वह बोला मैं नंबर मिला रहा हूँ . मैंने कहा साले नंबर मिला रहा है की ताक रहा है खूबसूरत लड़कियां ? तूने देखा की यहाँ दो लड़कियां खड़ी है तो आ गये लण्ड हिलाने . चल जा कहीं और माँ चुदा ?
थोड़ी देर में वह फिर आ गया . इस बार बोला नंबर तो यही दिया था उसने . मैंने पूंछा कौन है तू ? वह बोला मैं रफ़ी हूँ . कादर का दोस्त ? मैंने कहा अरे अंकल आप है रफ़ी ? सॉरी सॉरी . मैंने गलती से गालियाँ दी आपको? माफ़ कीजियेगा . तब मैंने उसे गौर से देखा . अंकल तो बड़े स्मार्ट दिख रहे थे . एक टाईट लो कट की जींस पहने थे . ऊपर एक टी शर्त . बदन तो कसरती था . छाती बड़ी चौड़ी थी .मैंने उसे आगे की सीट पर बैठा लिया . मैं उसकी जाँघों के बीच देखने लगी . मैंने गेयर बदलने के बहाने उसके लण्ड पर हाथ रख दिया . फिर मैंने हंस कर कहा अरे अंकल थोडा इधर उधर बैठो नहीं तो मैं गेयर के बदले तेरा लण्ड पकड़ लूंगी ? मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनकर उसे करेंट लग गया .
मैं फिर बोली :- तुम मर्द लोग इतनी लो कट जींस क्यों पहनते हो अंकल ? जिसका एक बटन खुले तो झांटें दिखाई पड़ने लगती है . एक और खुल जाए तो एकदम नंगे हो जाओगे अंकल ?
वह बोला :- तुम भी तो इसी तरह की पेंट पहने हो फिजा ?
मैंने कहा :- मेरी खुलेगी तो झांटे नहीं दिखेंगी ? क्योंकि झांटे मेरी है ही नहीं ? हां एक बटन और खुल जाएगी तो तुझे सीधे सीधे मेरी चूत दिख जाएगी ?
सलमा बोली :- यार तुम अंकल से इतनी गन्दी गन्दी बातें कर रही हो ? शर्म नहीं आती ?
मैं बोली :- इन मादर चोद मर्दों से ऐसी ही बातें करनी चाहिए ? तभी ये काबू में रहते है नहीं तो साले माँ चोदने लगते है . तब तक घर आ गया .
अब्बू ने रफ़ी का खूब खैर मकदम किया . मेरी अम्मी वहीदा ने भी खूब काम किया . इतने में अब्बू ने बताया की ये मेरा दोस्त रफ़ी है . मैं जब इसके घर जाता हूँ तो इसकी बेटी चोदता हूँ . बड़ी मस्ती से चुदवाती है इसकी बेटी . वह भी लण्ड की बड़ी शौक़ीन है . बेटी के बाद उसकी माँ चोद कर आता हूँ . माँ चुदवाने में तो एक्सपर्ट है ? उसका कोई जबाब नहीं . अब मैं चाहता हूँ की रफ़ी पहले मेरी बेटी चोदे और फिर बेटी चोदने के बाद उसकी माँ चोदे ? आज मैं अपने सामने अपनी बेटी चुदवाऊँगा .
मैं बोली :- नहीं अब्बू इस मादर चोद को पहले मेरी माँ चोदने दो . मैं पहले अपनी माँ चुदवाऊँगी . और इसका लण्ड देखूँगी . लण्ड मुझे पसंद आएगा तो मुझे बाद में चुदवाने में ज्यादा मज़ा आएगा . वैसे भी अंकल लोगों को भोषड चोदने में खूब मज़ा आता है . मैं रफ़ी को बेड पे ले गयी और उसके कपडे खोल डाले . उस मादर चोद को बिलकुल नंगा कर दिया . उसका लण्ड हाथ में आया तो मैं खुश हो गयी . मैंने लण्ड की चुम्मी ली . उसके पेल्हड़ चाटे .मैं लण्ड लेकर बार बार ऊपर नीचे करने लगी . इतने में लण्ड टन्ना कर खड़ा हो गया .
मैंने आवाज़ लगाई :- अम्मी लण्ड खड़ा हो गया है . जल्दी आओ . बड़ा तगड़ा है इसका लण्ड ? कल वाले फज़ल अंकल के लण्ड से बड़ा है . पहले तुम चुदा लो . मैं बाद में चुदाऊँगी ?
मैं पीछे मुड़ी तो अम्मी एकदम नंगी खड़ी थी . मैंने उसे लण्ड पकड़ा दिया और बैठ कर माँ का भोषडा चुदता हुआ देखने लगी . देखते देखते मैं भी गरम हो गयी . मैं कपडे उतारने लगी . नंगी नंगी जाकर बैठ गयी अम्मी के पास और अंकल के पेल्हड़ सहलाने लगी . झुक कर चाटने लगी पेल्हड़ . माँ का भकाभक चुद रहा था भोषडा ? मैं बीच बीच में लण्ड माँ की चूत से निकाल कर चाटने लगी .थोड़ी देर में माँ के मुंह पर बैठ कर बुर चटवाने लगी . मुझे रफ़ी अंकल का लण्ड पसंद आ गया . अंत में जब लण्ड झड़ने लगा तो मैं भी माँ के साथ मिलकर उसकी मलाई खाने लगी . रात को मेरा नंबर आया . मेरी अम्मी बोली:- फिजा अब तू आजा ? मैं तेरी बुर चुदवाऊँगी . रफ़ी बहन चोद बहुत बढ़िया चोदता है . मैं कपडे खोल कर अंकल के सामने खड़ी हो गयी . मेरी चूंचियाँ , मेरी बुर, मेरी गांड, मेरे चूतड़ सब कुछ देख कर उसका लौड़ा फनफना उठा . मैंने जब लण्ड पकड़ा तो मुझे लगा की वह पहले से ज्यादा मोटा हो गया है . मेरा अब्बू मेरे सामने बैठा था .
मैंने कहा :- अब्बू भोषड़ी के तुम भी चोदो मेरी चूत ? मैं एक लण्ड से नहीं दो लण्ड से एक साथ चुदाऊंगी ? मेरी चूत की आग भड़क उठी है . बिना दो लण्ड के इसकी आग ठंडी नहीं होगी .
अब्बू बोला :-फिजा तू शुरू कर मैं अभी आता हूँ ? यही बात रफ़ी की बेटी ने भी कही थी . उसने भी मुझसे और अपने अब्बू से एक साथ चुदाया था . बिंदास चुदाया था उसने ?
बस मैंने रफ़ी अंकल के लण्ड पर हमला बोल दिया . मैं चपर चपर लण्ड चाटे जा रही थी . सुपाड़ा पूरा मुंह में डाल कर चूसे जा रही थी . मेरी चूत जली जा रही थी
मैं बोली :- हाय अब्बू, मादर चोद , अब देर न कर ? चूत मेरी बहन चोद भट्टी हो गयी है लण्ड पूरा का पूरा घुसेड़ दे मेरी बुर में अब्बू ? चोदना शुरू कर जैसे तू इसकी बेटी चोद कर आया है . तेरा लौड़ा बड़ा जानदार है अब्बू ? मैं तो इसकी दीवानी हो गयी हूँ ? और रफ़ी अंकल तुम अपना लण्ड मेरे मुंह में घुसा दो . मैं उसे चूसूंगी . मुझे लण्ड चूसते हुए चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है .मुझे एक साथ दो लण्ड से चुदाने में मस्त मज़ा आता है . रफ़ी अंकल ने मेरी बात सुनते ही अपना लण्ड मेरे मुंह के सामने कर दिया , मैंने लण्ड हाथ से पकड़ा . उसे हिलाया झुलाया . चारों तरफ से देखा और फिर मुंह में डाल कर चूसने लगी . मैंने कहा अरे भोषड़ी के अब्बू तेरे दोस्त का लण्ड तो तुम्हारे लण्ड से काफी मिलता जुलता है . दोनों साले जुडवा लण्ड लगते है . लगता है की इसकी माँ बड़ी चुदक्कड़ रही होगी बुर चोदी ?
थोड़ी देर में मैंने कहा अंकल अब तुम मुझे चोदो और मैं अब्बू का लण्ड चाटूंगी . मैं अब्बू के लण्ड का मज़ा लेने लगी . रफ़ी अंकल की चोदने की स्पीड बढती चली जा रही थी . मैं खूब एन्जॉय कर रही थी . मुझे अब्बू के दोस्त बहन चोद बड़े अच्छे लगते है . बड़ी खूबसूरती से चोदते है बुर .
इतने में डोर बेल बजी . मेरे मुह से निकला कौन आ गया साला अपनी माँ चुदाने ? जा अब्बू तू देख भोषड़ी वाले को कौन है ? तब तक मैं अंकल से चुदा रही हूँ . अब्बू दरवाजा खोलने चला गया . बाहर एक लड़की खड़ी थी . अब्बू बोला अरे आसमा तुम ? वह बोली हां अंकल मुझे फिजा ने बुलाया है . मैं उससे मिलना चाहती हूँ . अब्बू बोला ठीक है अन्दर आ जाओ . मैंने आवाज़ लगाई अब्बू कौन आया है वह बोला फिजा, तुम्हारी सहेली आसमा आयी है ? मैंने कहा अरे उसको यहीं ले आओ न अब्बू , मैंने ही बुलाया है . अब्बू के साथ आसमा आ गयी . वह मुझे चुदवाते हुए देख कर हैरान रह गयी .
आसमा :- यार तुम तो यहाँ चुदवा रही हो ? बहुत बिजी हो . मैं वापस जाती हूँ फिर आऊंगी .
मैंने बोली :- अरे बैठ यहाँ बहन की लौड़ी ? कहाँ जा रही है तू ? क्या अपनी माँ चुदाने जा रही है ?
वह बोली :- नहीं यार माँ चुदाने नहीं जा रही मगर यहाँ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ?
मैं बोली :- यहाँ मैं चुदा रही हूँ तो क्या हुआ क्या ? तू क्या मेरी चुदाई नहीं देख सकती ? आजा तू भी ज्वाइन कर ले . ले ले मज़ा इन दोनों मस्ताने लण्ड का . देख न कैसे टन टना उठे है तुझे देख कर ?
वह बोली :- नहीं यार मैं तेरे मज़ा में खलल क्यों डालूँ ?
मैं बोली :- अब चल नखरे न कर जल्दी से कपडे खोल, हो जा मेरी तरह एकदम नंगी और पकड़ मेरे अब्बू का लण्ड ? याद है न, मैंने कहा था की मैं तुम्हे एक दिन अपने अब्बू का लण्ड पकड़ाऊँगी . आज वो दिन आ गया है . मैंने तुझे इसीलिए बुलाया है ?
आसमा मेरी बात मान गयी और अब्बू का लण्ड पकड़ कर चाटने लगी .
आसमा मेरी पक्की सहेली है .
लण्ड चाटते हुए आसमा बोली :- यार फिजा तेरे अब्बू का लण्ड मेरे अब्बू के लण्ड की तरह है . बड़ा मस्त लग रहा है बहन चोद ? लगता है की इसे कच्चा खा जाऊं ? मुझे तो इस पर बड़ा प्यार आ रहा है, फिजा .
मैंने कहा :- देख मैंने अपने अब्बू का लण्ड तेरे हाथ में रख दिया पर तूने आजतक अपने अब्बू का लण्ड मुझे नहीं पकडाया ? मैं तेरे अब्बू के लण्ड के बारे में कुछ भी नहीं जानती ? मेरी दोस्त जब पूंछती है की फिजा तुमने अपनी सहेली आसमा के अब्बू का लण्ड पकड़ा है तो बोलो मैं क्या जबाब दो उन्हें ?
आसमा बोली :- हां यार पर अब जल्दी ही पकड़ा दूँगी तुझे . अपनी एक और सहेली फरहा है न वह भी मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ना चाहती है . मुझसे कई बार कह चुकी है . मैं उसे भी बुला लूंगी .
मैं बोली :- लो बताओ उसने भी नहीं पकड़ा तेरे अब्बू का लण्ड ? कब तक छुपा के रखोगी उसका लौड़ा ? मैं तो बस २/३ दिन में ही फरहा को पकड़ा दूँगी अपने अब्बू का लण्ड और उसी दिन अब्बू से उसकी बुर झमाझम चुदवाऊँगी . सुना है वह भोषड़ी वाली बड़ी अच्छी तरह से चुदवाती है . दो दिन बाद आसमा ने मुझे बुलाया . मैं उसके घर पहुँच गयी , उसके अब्बा ने दरवाजा खोला . मैंने कहा नदीम अंकल आदाब ? उसने कहा आदाब, आओ बैठो फिजा आज बहुत दिनों के बाद आयी हो ? मैं बैठ गयी . उसने आवाज़ लगाई आसमा देखो तेरी सहेली आयी है . उसनहीं सुना . शायद वह घर में नहीं है . अंकल फिर बोला लेकिन वह नहीं आयी . फिर उसने कहा फिजा तुम बैठो मैं देखता हूँ कहाँ गयी बुर चोदी ? उसके मुंह से गाली सुनकर मैं खुश हो गयी . वह बाहर जा ही रहा था की आसमा आ गयी .
अंकल बोला :- तू इतनी देर से कहाँ चुदा रही थी ? माँ की लौड़ी ?
आसमा बोली :- मैं नहीं अब्बू , अम्मी चुदा रही थी .
अंकल बोला :- तो तू अपनी माँ चुदा रही थी . लौड़ा उसकी चूत में पेल रही थी ? क्योंकि चोदने वाला तो पेल नहीं पाता होगा ? उसकी गांड अपनी चूंचियों से ठेल रही थी क्या ?
आसमा बोली :- नहीं अब्बू ऐसी बात नहीं है
अंकल बोला - तो अब तू मुझे चोदना सिखाएगी ? मैंने जाने कितनी बुर चोद कर फेंक दी है .
आसमा चिल्ला पड़ी :- मैं चुप हूँ इसका मतलब यह नहीं की तुम मेरी गांड मारते चले जाओ . मैं अभी वहां माँ चुदा कर आ रही हूँ और तुम यहाँ फिर मेरी माँ चोदने लगे ? मैं जब चोदना शुरू करूंगी तब न तेरी गांड का पता चलेगा और न लाँड का ? समझे भोषड़ी वाले ? अंकल एकदम ढीला पड़ गया . वह बोला :- अरे यार देखो ये बिचारी तेरी सहेली फिजा आयी है . इसका ख्याल करो ?
आसमा बोली इसका ख्याल है मुझे ? तुम चुप चाप यही बैठे रहो . थोड़ी देर में आसमा आयी और अपने अब्बू के बगल में बैठ कर उसकी लुंगी में हाथ घुसेड दिया . उसका लण्ड पकड़ लिया .
वह बोला :- अरे आसमा, देखो सामने फिजा बैठी है . वो क्या सोंचेगी ?
आसमा बोली :- फिजा की माँ का भोषडा ? आज मैं इसी के सामने तेरा लण्ड चूसूंगी .
आसमा ने लुंगी खींच ली . वह नंगा हो गया मादर चोद . उसने लण्ड अपने हाथ में लिया और उसे हिलाया तो लण्ड और टन्ना गया . फिर वो मुझे लण्ड दिखा कर बोली लो फिजा पकड़ो मेरे अब्बू का बहन चोद लण्ड ? मैं उठी और लण्ड हाथ में ले लिया . इतने में आसमा ने मुझे नंगी कर दिया .मुझी नंगी देख कर अंकल का लौड़ा साला कुतुबमीनार हो गया . उसका लण्ड मेरे अब्बू के लण्ड से थोडा बड़ा था .
आसमा बोली :- देखो अब्बू आज फिजा तुमसे चुदाने आयी है . कल मैं इसके अब्बू से चुदा कर आयी थी . आज तुम इसे चोदो . कल तुम इसकी माँ चोदना . ०
=०=०=०=०=०=०=०-=०=०=०=० समाप्त
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