कल रात को बेल बजते ही मैंने दरवाजा खोला तो देखा की सामने दो मर्द खड़े है, रौफ और लतीफ़ . मैंने उन्हें अन्दर बुलाकर बैठाया और बड़े प्यार से बातें करने लगी . थोड़ी देर में मैंने उन्हें ड्रिंक्स आफर की और मैं भी उनके साथ बैठ कर पीने लगी .
पीते पीते रौफ एक दम से बोल पडा :- भाभी आज हम लोग तुम्हारी बिटिया चोदने आयें है .
यह सुनकर तो मेरी झांटे बुरी तरह सुलग गयीं . मैं गुस्से में बोली :-
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बेटी के साथ लण्ड चाट रही हूँ |
- अरे सालों माँ के लौडों, मेरी बेटी क्या कोठे वाली है की जब चाहा आ गये उसे चोदने ? चल जा मैं नहीं चुदवाती अपनी बेटी ? कोई जबरदस्ती है क्या बहन चोद ?
- अरे भाभी आप इतना नाराज़ क्यों हो रही है ? हम लोग तो बड़ी उम्मीद से आयें है . देखो न हम जब उसकी माँ चोद सकते है तो उसकी बेटी चोदने में क्या हर्ज़ है ?
हर्ज़ है . मैं नहीं चुदवाती अपनी बेटी ? मेरी मर्ज़ी ? हां यह बात सच है की मैं तुम दोनों से चुदवाती हूँ ? मुझे चोदना हो तो शौक से चोद लो ? जितना चाहो उतना चोद लो ? पर मैं अपनी बिटिया नहीं चुदवाऊँगी ?
- आपकी बेटी क्या आपकी मर्ज़ी से अपनी लाईफ़ नहीं जी सकती ? उसकी अपनी कोई मर्ज़ी नहीं है ? क्या वह अपने मन माफिक फैसला नहीं ले सकती ? अगर उसका चुदवाने का मन हो तो ? तो क्या उसे आप रोक देंगी ?
- यार बहस क्यों कर रहे हो मुझसे ? तुम लोग क्या अपनी बेटियों पर अपनी मर्ज़ी नहीं चलाते ? मैं जो कहूँगी वही मेरी बेटी करेगी ?
- आप ठीक कह रही है, भाभी ? लेकिन हमारी बेटियां जिस दिन से सायानी हो गयी , बालिग हो गयी, उस दिन से हमने उन्हें आज़ाद कर दिया . हमने अपना कंट्रोल हटा लिया . वे अपनी मर्ज़ी की मालिक हो गयी जो चाहती है वो कर लेती है .हमने उन्हें अपने मन माफिक चुदाने का हक दे दिया है . तुम भी अपनी बेटी को अपने मन माफिक चुदवाने का हक क्यों नहीं देती, भाभी ? हम दोनों अपनी बेटियों के चुदवाने या न चुदवाने पर कोई दखल नहीं देते ? वे जिससे चाहें उससे चुदवाये, जहाँ चाहें वहां चुदवाये जैसे चाहें वैसे चुदवाये ? एक से चुदवाये चाहें कई लोगों से चुदवायें . लड़कों से चुदवायें चाहे मर्दों से, हमें क्या लेना देना ? भाभी, अब देखो न मेरी भी बेटी है और इसकी भी बेटी है .ये दोनों अपनी जवानी खूब एन्जॉय करती है . इधर उधर जाती है लड़कों के साथ रहती है घूमती फिरती है . फिल्म देखती है . ब्लू फिल्म देखती है और जाने क्या क्या,,,,,, ? पर हमें क्या ये उनकी ज़िन्दगी है जैसा चाहे वैसा जिये ? और फिर जवानी तो मौज मस्ती के लिए होती ही है भाभी ? हमने जवानी में जाने कितनी लड़कियां चोदी है और आजतक चोद रहा हूँ . अपने को देखो भाभी जवानी में जबसे चुदाना शुरू किया तुमने तबसे अज तक यह सिलसिला चला आ रहा है . आज भी चुदाने के लिए तैयार बैठी रहती हो तुम बहन चोद ? यह सच है की हमें अपनी बेटियों के बारे में सब मालूम है पर वे खुश है तो हम खुश है बस ?
उसकी बातें सुनकर मेरा गुस्सा ठंडा हो गया . मैं सोंचने लगी की बात तो सही कह रहा है ये ?
- इसका मतलब तुम चाहते हो की मैं अपनी बेटी से पूंछू की वह तुम लोगों से चुदवाने के लिए तैयार है की नहीं ? उसकी चुदवाने की इच्छा है की नहीं ?
- हां भाभी, हम यही चाहते है . अगर वह नहीं चाहती, तो हम लोग फ़ौरन वापस हो जायेंगे . हमें कोई भी काम उसकी मर्जी के खिलाफ नहीं करना है ?
- अच्छा ठीक है मैं अपनी बेटी से पूंछ लेती हूँ .
तमन्ना बोली :- लण्ड पकड़ के देखने की क्या ज़रूरत है अम्मी जब तुम इन बहन चोदों खुद ही चुदवाती हो ? बस इतना बता दो की तुम्हे इनसे चुदवाने में मज़ा आता है की नहीं ?
मैं बोली :- मज़ा तो खूब आता है बेटी ? पर लण्ड की पसंद तो अपनी अपनी होती है न ? इसलिए तू पकड़ के देख ले ? तभी समझ पायेगी की लण्ड तेरे मन माफिक है की नहीं ?
वह बोली :- अगर लण्ड मेरी अम्मी को पसंद है तो समझो की मुझे भी पसंद है पर आज मैं नहीं चुदवाऊँगी ?
मैं बोली :- क्यों बेटी कोई ख़ास बात है क्या ? ख़ास बात न हो तो चुदा लो मज़ा आएगा ?
वह बोली :- अम्मी आज मेरा मूड नहीं है ? और फिर आज मैं कहीं और जा रही हूँ . हां अगर इन्हें चोदना है तो कल आयें बहन चोद और चोदें ? मगर अपनी अपनी झांटें बनाकर आयें . मुझे झान्टू लण्ड बिलकुल पसंद नहीं ?
मैं उन दोनों के साथ व्हिस्की पी ही रही थी की तमन्ना मेरे सामने से ही कहीं निकल गयी .
मैंने रौफ से कहा :- यार आज तुम नहीं चोद पाओगे मेरी बिटिया की बुर ? कल आना और चोदना ?
लतीफ़ बोला :- अरे भाभी, बिटिया की बुर नहीं चोद पाऊंगा तो क्या ? उसकी माँ की बुर तो चोद सकता हूँ न ?
ऐसा कह कर दोनों साले मेरी चूंचियाँ दबाने लगे और मैं उनके लण्ड हिलाने लगी .
मैंने एक बार फिर दोनों से झमाझम चुदवाया . बड़ा मज़ा आता है दो दो लण्ड से एक साथ चुदवाने का ? यही तो मैं अपनी बेटी को बताना चाहती हूँ . पर चलो आज नहीं तो कल सही ?
मैं यहाँ पर थोडा रूकती हूँ और आपको बताती हूँ की मेरी बेटी कैसे मेरे साथ खुल गयी और खुल कर चुदवाने लगी ? कैसे हम दोनों एक दूसरे की चूत चोदने लगीं .
यह बात मेरी बेटी ही आपको बताएगी ? सुनिये :-
मैं तमन्ना हूँ २२ साल की एक मस्त जान लड़की . मेरी अम्मी है मिसेज शहनाज़ बेगम . वह ४४ साल की है . हमारी कालोनी में एक है साजिया आंटी . बहुत ही खूबसूरत, हंसमुख, चंचल और मुंहफट है ? कोई भी बात होती है तो फ़ौरन कह देती है .
- एक दिन आंटी मुझसे बोली :- तमन्ना तुम अपनी अम्मी को अच्छी तरह से जानती हो ?
- हा जानती हूँ आंटी . इसमें क्या पूंछने की बात है ?
- कितनी हरामजादी और भोषड़ी वाली है तेरी अम्मी बिलकुल मेरी तरह ये तुम्हे मालूम है ?
- क्या बात कर रही हो आंटी ? मुझे ये सब कुछ नहीं मालूम ?
- अच्छा अब तो तू इतनी बड़ी हो गयी है .जवान हो गयी है तेरी चूंचियाँ बड़ी बड़ी हो गयी है बहन चोद तुझे नहीं मालूम की तेरी अम्मी लण्ड की कितनी बड़ी शौक़ीन है ?
- हो सकता है आंटी ? ये तो अपना अपना शौक है आंटी ? इसमें कोई गलत बात नहीं है .
- अच्छा तो गैर मर्दों से खुले आम चुदवाना भी कोई गलत बात नहीं है ?
- वाओ, क्या कह रही हो आंटी ? मेरी अम्मी ऐसा नहीं कर सकती ?
- तो ठीक है. चल आ मेरे साथ मैं तुझे दिखाती हूँ .
आंटी बोली :- तो देखा तमन्ना तुमने, अपनी माँ की असलियत ?
मैंने कहा :- हां आंटी और अपनी माँ के भोषडा की असलियत ? उसकी लण्ड की चाहत की असलियत ? उसकी चुदाने की असलियत ? हम दोनों हंसने लगी
दो दिन बाद आंटी ने मुझे बुलाया और खुल कर अश्लील बातें करने लगी . फिर बोली तमन्ना तुमको उस दिन तेरी माँ को चोदने वाले लण्ड बहुत अच्छे लगे थे . तुम उन्हें पकड़ना चाहती थी चुदवाना चाहती थी . मैंने कहा हां आंटी मैं तो बहुत गरम हो गयी थी उस दिन माँ की चुदाई देख कर . वह बोली आओ मेरे साथ कमरे में . मैं जैसे ही घुसी तो देखा की तो जवान लड़के एकदम नंगे बैठे है लेकिन उनके लण्ड दिख नहीं रहे है . आंटी बोली आज तुमको ये दोनों चोदेंगे तमन्ना ? तेरी माँ को चोदने वाले लण्ड से कम इनके लण्ड नहीं है . चाहो तो पहले पकड़ के देख लो . मैं हाथ बढाने लगी तो आंटी ने टोका की ऐसे नहीं पहली कापसे उतारो, और नंगी होकर लण्ड पकड़ो ? मैंने वैसे ही किया . दोनों लण्ड बहन चोद एकदम से टन्ना कर खड़े हो गए मेरे सामने ? आंटी मुझसे चुदाने के लिए कह के चली गयी . मैं लण्ड चाटने / चूसने लगी . मेरी चूत भट्टी हुई जा रही थी .
- आंटी ने अम्मी को बुला लिया और बोली :- शहनाज़ तुम अपनी बेटी को अच्छी तरह जानती हो ?
- हां हां जानती हूँ . वह तो बहुत अच्छी है यार ?
- सुनो तुम्हारी बिटिया बड़ी मादर चोद हो गयी है, हरामी और आवारा हो गयी है बहन चोद बिलकुल मेरी बेटी की तरह ?
- क्या कह रही हो साजिया ? ऐसा क्या कर दिया मेरी बिटिया ने ?
- जानती हो वह लडकों के लण्ड पकड़ने लगी है ? खुले आम पकड़ती है लण्ड ?
- वह बोली :- हाय अल्ला, क्या यह सच है ? वह अभी से लण्ड पकड़ने लगी है ?
- अरे पकड़ना छोडो वो तो चुदवाने भी लगी है अब ? बड़े बड़े लण्ड घुसाने लगी है अपनी चूत में ?
- यार ये नहीं हो सकता ? मैं नहीं मान सकती ?
- अच्छा आओ मेरे साथ मैं तुम्हे दिखाती हूँ .
आंटी बोली :- तो शहनाज़ तुमने देख लिया अपनी बेटी की करतूत ? उसकी असलियत ?
वह बोली :- हां माँ की लौड़ी तमन्ना तो अभी से इतने बड़े बड़े लण्ड से चुदवाने लगी है . इसकी चूत तो बहुत जल्दी ही भोषडा बन जाएगी ? इतनी जल्दी इसे चुदाने की लत पड़ जाएगी .
आंटी बोली :-अगर तुम्हे लण्ड बड़े प्यारे लग रहे है और तुम अपने आपको रोक नहीं पा रही हो तो घुस जाओ न अन्दर और पकड़ लो लण्ड ?
अम्मी ने कहा:- नहीं नहीं मैं अभी नहीं जाऊंगी ? जब बिटिया की बुर चुदने लगी है तो चुदने दो . मैं बाद में बात कर लूंगी .देखती हूँ की क्या कहती है मेरी बेटी और बेटी की बुर ?
इस तरह मैंने अपनी माँ का भोषडा चुदते हुए देखा और माँ ने अपनी बेटी की बुर चुदते हुए देखी . लेकिन माँ को नहीं मालूम की मैंने उसे अपना भोषडा चुदवाते हुए देख लिया है . इधर बेटी को नहीं मालूम की उसे उसकी माँ ने अपनी चूत चुदवाते हुए देख लिया है .
साजिया आंटी की एक बेटी है रज्जो . मैं रज्जो से उतना खुली नहीं हूँ जितनी आंटी से खुली हूँ . मैं यह भी जानती हूँ की मेरी अम्मी भी उससे खुली नहीं है .
दो दिन बाद आंटी ने अम्मी को फोन किया और कहा शहनाज़ तू अपनी बेटी तमन्ना को लेकर अभी मेरे घर आ जा . मैंने बाहर का दरवाजा खोल दिया है तू सीधे मेरे बेड रूम में आ जा तुमसे कुछ बात करनी है . अम्मी मुझे लेकर फ़ौरन पहुँच गयी . हम दोनों सीधे आंटी के कमरे में घुस गयीं . हम लोग वहां का सीन देख कर दंग रह गयी . वहां जो हो रहा था उसकी तो मैंने कभी कल्पना भी न की थी . हमने देखा की आंटी एकदम नंगी लेटी हुई अपना भोषडा भकाभक चुदवा रही है . उसके बगल में उसकी मुंह की तरफ गांड करके उसकी बेटी रज्जो नंगी लेटी है . उसकी चूत में घुसा है एक मोटा लण्ड . वह भी अपनी अम्मी की तरह झमाझम चुदवा रही है . रज्जो अपनी माँ का भोषडा चोदने वाले लण्ड का पेल्हड़ सहला रही है और इधर आंटी अपनी बेटी की बुर चोदने वाले लण्ड के पेल्हड़ सहला रही है . इतना ही नहीं रज्जो बीच बीच में अपनी माँ के भोषडा से लण्ड निकाल कर चाट लेती है . इधर आंटी भी अपनी बेटी की बुर से लण्ड निकाल कर बीच बीच में चाट लेती है . थोड़ी तो न आंटी ने हमें देखा और न रज्जो ने . हम दोनों आँखे फाड़ फाड़ कर उन दोनों की चुदाई देखती रही .
अचानक आंटी ने देखा और बोली :- हाय शहनाज़ तू आ गयी .
अम्मी बोली :- यार शायद हम गलत समय पर आ गयी है ?
आंटी बोली :- क्यों ? ऐसा क्यों सोंच रही हो . मैं मादर चोद तेरा भोषडा चुदते हुए देख सकती हूँ तो मेरा भोषडा चुदते हुए नहीं देख सकती ? माँ की लौड़ी साली भोषड़ी वाली शहनाज़ ?
अम्मी बोली :- लेकिन तुम तो अपनी बेटी के साथ चुदवा रही हो ?
आंटी बोली :- तो क्या हुआ ? तेरी क्यों गांड फट रही है . देख मेरी बेटी जवान है . उसकी चूत में मुझसे ज्यादा आग है . वो छुप छुपकर क्यों चुदवाये ? मैं छुप छुप कर क्यों चुदवाऊं ? जब हम दोनों को लण्ड की जरुरत है तो एक साथ क्यों न चुदवायें ?
रज्जो बोली :- हां आंटी मुझे तो अपनी माँ के साथ खुल कर चुदाने में ज्यादा मज़ा आ रहा है और अम्मी को भी . हम तो एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर चोदती रहती है .
आंटी बोली :- देखो शहनाज़ उस दिन तुमने अपना भोषडा चुदवाया तो तेरी बेटी तमन्ना देख रही थी . उसे भोषडा चोदने वाले लण्ड पसंद आ गए थे . वो तो उसकी समय लण्ड चूसना चाहती थी पर बिचारी चूस न सकी ? और जिस दिन तेरी बेटी तमन्ना अपनी बुर चुदवा रही थी उस दिन तुम उसे दख रही थी और तुम्हे भी बुर चोदने लण्ड पसंद आ गये थे . तुम्हारी लार टपकने लगी थी लण्ड चाटने के लिए . पर तू ललचाकर रह गयी . अब सोंचो अगर तुम दोनों आपस में खुली होतीं तो तुम्हे उसी समय दोनों लण्ड का मज़ा मिलता ? और उधर तेरी बेटी तमन्ना को भी तुझे चोदने वाले दोनों लण्ड का मज़ा मिलता ? लेकिन न तू मज़ा ले पाई और न तेरी बेटी ?क्योंकी तुम दोनों ने बहन चोद शर्म की एक दिवार खड़ी कर रखी है .अरे चुदाई का मज़ा बेशर्मी में है समझीं मेरी बेरी बुर चोदी शहनाज़ ?
अम्मी बोली :- हाय अल्ला, मैंने कितनी बड़ी गलती की यार ? आज तुमने मेरी आँखे खोल दी . मैंने अपने भोषडा का ख्याल रखा बेटी की बुर का नहीं .
मैं बोली :- हा आंटी आप सही कह रही है . मैंने भी अपनी बुर चुदवाई पर माँ का भोषडा न चुदवा सकी .
इतने में अम्मी ने आंटी वाला लण्ड मुझे पकड़ा दिया और रज्जो वाला लण्ड खुद पकड़ कर चूसने लगी . आंटी और रज्जो ने मिलकर हम दोनों को नंगी कर दिया . उस दिन मैंने अपनी माँ के भोषडा में लण्ड पेला और माँ ने मेरी बुर में लण्ड पेला ? खूब दनादन्न चुदवाया हम दोनों ने . तबसे हम दोनों एक साथ चुदवाने लगी .
तो दोस्तों इस तरह हम दोनों माँ बेटी एक दूसरे से खुल गयी .
अब आगे की बात मैं बहन की लौड़ी तमन्ना की अम्मी शहनाज़ सूना रही हूँ :-
लतीफ़ और रौफ चोद कर मुझे चले गये . दूसरे दिन उन्हें आना था . मैंने उन्हें शाम को ही बुलाया था . वैसे तो चुदाने का मज़ा हर समय आता है पर रात में कुछ ज्यादा आता है . शाम को रौफ और लतीफ़ दोनों आ गए . मैंने साजिया को फोन लगाया और कहा यार आज रात को मेरे घर तुम दोनों माँ बेटी को आना है
वह बोली :- कोई ख़ास बात है क्या ?
मैंने कहा :- आज चुदेगी मेरी बिटिया की बुर ?
वह बोली :- वाओ, तब तो जरुर आऊंगी .
शाम को साजिया और रज्जो दोनों आ गयी . उधर रौफ और लतीफ़ भी आ गए . हम सब दारू पीने लगे . अचानक साजिया बोली लो दो मर्द और आ गये ? मैंने कहा ये कौन लोग है साजिया ? वह बोली ये है भोषड़ी वाले अरमान और सलमान ? दोनों नये ताज़े मर्द है शहनाज़ ?
मेरी बेटी तमन्ना बोली :- हाय अम्मी इनके ताज़े होने से कुछ नहीं होता ? इनके लण्ड ताज़े होने चाहिए ?
रज्जो भी रोक कर बोली :- अरी तमन्ना, सिर्फ ताज़े नहीं लण्ड मोटे ताज़े होने चाहिए ?
तमन्ना बोली :- और मोटे ताज़े नहीं हुए न तो मैं मुठ्ठ मार कर लण्ड ढीला करके घर भेज दूँगी .
सब लोग खिलखिला कर हंस पड़े .
दो दो पैग नशा चढ़ गया ?
अम्मी बोली :- देखो मादर चोदों भोषड़ी वालों आज चुदेगी मेरी बिटिया की बुर . तुम चारों लोगों को चोदना है मेरी बेटी की बुर ?
साजिया आंटी बोली :- और मेरी भी बेटी की बुर चोदना है तुम लोगों को .
रज्जो बोल पड़ी :- और चुदेगा मेरी माँ का भोषडा भी .
तमन्ना बोली :- मैं भी चुदवाऊँगी अपनी माँ का भोषडा ?
इतने में रौफ का लण्ड मैंने पकड़ा, लतीफ़ का लण्ड साजिया आंटी ने, अरमान का लण्ड मेरी माँ ने और सलमान का लण्ड रज्जो ने ? इस तरह बार बार लण्ड की अदला बदली करके हम चारों ने रात भर भकाभक चुदवाया .
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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