Monday, July 1, 2013

रोज़ ही चुदा के आती हूँ



मैं जब ऊपर से उतर रही थी तो मुझे सीरी के कमरे से कुछ अजीब तरीके की आवाज़ सुनायी पड़ी . मैं खिड़की से कमरे में झाँकने लगी . मैंने देखा की एक लड़का मेरी बिटिया की बुर चाट रहा है . थोड़ाऔर झांका तो मालूम हुआ की बिटिया उसका लण्ड चाट रही है . मैंने लड़के को पहचान लिया . ये तो ब्राईट है मेरी बेटी का बॉय फ्रेंड ? ये तो मेरे घर अक्सर आता जाता रहता है सीरी से मिलने ? मेरी नज़र उसके लण्ड पर पड़ी तो मैं समझ गयी की लड़का जवान है क्योंकि उसका लण्ड मर्दों के लण्ड जैसा है . मैं बड़ी देर तक लण्ड देखते रही . फिर मैं यह देखने लगी की लड़का बुर चाट कैसे रहा है ? उसका बुर चाटने का तरीका कैसा है ? मैं देखती रही और मुझे उसका बुर चाटना पसंद आया . मुझे लगा की यह लड़का पहली बार नहीं चाट रहा है . ये तो शायद कई लड़कियों की बुर चाट चुका है .थोड़ा अनुभवी लग रहा है . लेकिन मेरी बेटी सीरी अभी नयी है . उसे लण्ड चाटने का सही तरीका नहीं मालूम है . शायद यह उसका पहला या दूसरा ही लण्ड है जिसे वह चाट रही है . तब मुझे ख्याल आया की सीरी तो २१ साल की हो गयी है . जवान हो गयी है . उसे भी लण्ड की जरुरत है . अगर वह लण्ड चाट रही है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है .  उधर वह लड़का भी मेरी बिटिया की बुर चाटने में मस्त हो रहा है . मैं थोड़ी देर तक तमाशा देखती रही .
मैं सोंचने लगी की मुझे थोडा समझदारी से काम लेना चाहिए . मुझे वहां से भाग जाना चाहिए .कहीं वे लोग मुझे देख न लें ? लेकिन फिर सोंचा की मुझे देखना चाहिए की आगे होता क्या है ?  बात कहाँ तक बढती है ?  बस इसी ख़याल से मैं और छिप कर देखने लगी .
मैंने देखा की थोड़ी देर में सीरी ने अपने पर्श से एक कंडोम निकाला और उसे लण्ड पर चढ़ाया फिर धीरे से वह लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ने लगी . मैं खुश हुई की चलो सीरी ने एक समझदारी का काम किया . लण्ड का सुपाड़ा घुसा तो उसकी एक धीमी सी चीख निकल पड़ी . फिर लण्ड और घुसा तो कुछ नहीं हुआ . दो तीन बार जब आगे पीछे हुआ लण्ड तो सीरी के चेहरे पर चमक आ गयी . वह चुदवाने लगी ? लड़का भी मजे से चोदने लगा .लेकिन वह ५ मिनट में ही वह झड गया .  बस मैं समझ गयी की लड़का अभी अनाड़ी है . उसे ठीक से बुर चोदना नहीं आता ? अभी उसे और सीखना पड़ेगा ? फिर मैं फ़ौरन वहां से चली गयी और ऐसी हो गयी जैसे की मैंने कुछ देखा की नहीं ?
 एक दिन मैं अपनी दोस्त मिसेज फिरोजा के घर गयी . दरवाजा अन्दर से बंद नहीं था हां उढ़का हुआ था . मैं धीरे से घुसी तो मुझे कुछ आवाजें सुनायी पड़ने लगी . मैं कमरे के अन्दर झाँक कर देखने लगी . अन्दर मुमताज़ की बिटिया एक दम नंगी लेटी थी और अपनी टांगें फैलाकर बुर चुदवा रही थी . बड़ी मस्त है उसकी बुर भोषड़ी वाली की . चोदने वाला कोई मर्द था . वह मुमताज़ को भी चोदता है क्योंकि बिटिया बार बार बोल रही थी की मेरी बुर मेरी माँ के भोषडा की तरह चोदो ? मैं कान लगा कर सुनने लगी . वह कह रही थी की :-
हा अंकल, पूरा लण्ड पेलो, बहन चोद . घुसा दो अन्दर तक भोषड़ी वाले को और चोदो खूब गांड से जोर लगा लगा कर ? ऐसे चोदो जैसे तुम मेरी माँ चोदते हो ? बहुत दिनों से मैं तेरे लण्ड की तलास में थी . मेरी बुर साली जाने कबसे तेरा लण्ड खाने के लिए तैयार बैठी है . आज मिला है इसे अपने मन का लण्ड . हां और जोर जोर से चोदो, जल्दी जल्दी अन्दर बाहर कर लौड़े को . मुझे रंडी समझ लो मादर चोद अंकल ? अपनी बीवी की तरह चोदो माँ के लौड़े ? तेरा लौड़ा साला बड़ा दमदार है ? ये तो मेरी माँ का भोषडा भी चोदता है ? आज मिला है भोषडा चोदने वाला कोई मस्ताना लण्ड मेरी चूत को . बड़ी प्रसन्न है मेरी बुर चोदी बुर ? हा अंकल बस इसी तरह भकाभक, दनादन्न, गचागच चोदे जाओ ? और सुनो अंकल तेरा कोई दोस्त है जिसका लण्ड इसी तरह का हो
वह बोला :- हां है न कई दोस्त है मेरे इसी तरह के लण्ड वाले ?
 वह बोली :- हाय रे तो उन्हें भी बुला लो न प्लीज . मैं दो दो / तीन तीन लण्ड से एक साथ चुदवाऊँगी अंकल ? बड़ा मज़ा आ रहा है . तेरी बीवी तो बड़ नसीब्वाली है रे ?
वह बोला :- नहीं नसीब वाले तो मेरे दोस्त है जो मेरी बीवी चोदते है ?
वह बोली :_ तो तू क्या गांड मरवाता है उनसे मादर चोद अंकल ?
 वह बोला :- नहीं, मैं उन सबकी बीवी चोदता हूँ . मुझे अपने दोस्तों की बीवियां चोदने में अपनी बीवी चोदने से ज्यादा मज़ा आता है ?
वह बोली :- बड़े हरामी हो यार तुम अंकल . इसीलिये तुम मेरी माँ चोदते हो ? तुम्हे मेरी माँ का भोषडा पसंद है न अंकल ?
वह बोला  :- हां यार, बड़ी मस्त है तेरी माँ और तेरी माँ का भोषडा ? मैं जब भी आता हूँ तो तेरी माँ चोद कर जाता हूँ . आज तुम मिल गयी तो मुझे तुम्हे चोदने में भी खूब मज़ा आ रहा है . लड़की अगर तुम्हारी तरह चुदवाये तो चोदने वाले का लौड़ा साला दुगुना हो जायेगा ?
मैं समझ गयी की मुमताज़ इस आदमी से खुद भी चुदवाती है और अपनी बिटिया भी चुदवाती है .  लेकिन मुझे फिरोजा नहीं मिली . मैं तो उससे ही मिलने गयी थी . अचानक हया ने मुझे देख लिया . हया मुमताज़ की बेटी है . मुझे अच्छी तरह पहचानती है .
वह बोली :- हाय आंटी अन्दर आओ न ? अन्दर आकर ठीक से देखो मुझे चुदवाते हुए . इसमें कोई शर्म तो है नहीं . मैं एक जवान लड़की हूँ . मेरी बुर जवान है . मेरे सामने एक टन टनाता हुआ लौड़ा खडा है तो मैं चुदवाऊँगी नहीं तो क्या दूर से ललचाती रहूंगी ? अच्छा सच बताओ आंटी, तुम्हारे सामने कोई लण्ड खड़ा तो तेरा भोषडा उसे खाने के लिए नहीं दौड़ेगा ?
मैंने कहा :- हां बिलकुल दौड़ेगा हया, मैं भी ऐसे में चुदाने लगती हूँ . पर तेरी अम्मी कहाँ है ? फिरोजा कहाँ है ?
वह बोली :- अम्मी तो पड़ोस में किसी मादर चोद का लण्ड पकड़ने गयी है और फिरोजा खाला भोषड़ी वाली कहीं चुदवा रही होगी . अब तो वह चुदवा कर ही आएगी . आप थोड़ी देर रुक जाओ न आंटी ? चाहो तो तुम भी अंकल का लण्ड चाट कर मज़ा ले लो ?
मैंने कहा :- हां मैं भी यही सोंच रही थी .लाओ मैं इसका लण्ड चाटती हूँ तुम मेरा भोषडा चाटो . मैंने उस आदमी का लण्ड मुह में भर लिया और हया मेरे भोषडा चाटने में लग गयी .  मैं लण्ड चाट ही रही थी की फिरोजा आ गयी . उसने मुझे लण्ड चाहते हुए मजे से देखा  .
वह बोली :- हाय मलाला तू मादर चोद कब आ गयी ?
मैंने कहा :- यार मैं तो तुमसे मिलने आयी थी पर जब मैंने हया को चुदवाते हुए देखा तो मेरा भी मन लण्ड चाटने का हो गया .
वह बोली :- तो तू मेरी बेटी के साथ चुदवाने का प्लान बना रही थी . अच्छा लो तुम अजीज अहमद का लण्ड चाटो और बताओ की कैसे आना हुआ ?
मैंने देखा की उसके पीछे एक आदमी खड़ा है . वह आगे आ गया और मैं उसके कपडे उतारने लगी . उसका लण्ड खुल कर जब बाहर आया तो मैं बड़ी खुश हो गयी . मैं लण्ड हिलाते हुए बोली यार फिरोजा बड़ा लाजबाब लण्ड है यार ?
उसने बताया :- यह मेरा देवर है बहन चोद ? जब भी यहाँ आता है तो मुझे चोदता है मुमताज़ को चोदता है और उसकी बिटिया चोदता है .
तब तक हया बोली :- हाय अंकल आज तुम मेरी  मलाला आंटी का भोषडा चोदों  .
मैं  अजीज का लण्ड पीने लगी . थोड़ी देर में उसने लण्ड मेरी बुर में पेल दिया .
तब मैं बोली :- फिरोजा यार मेरी बेटी भी चुदाने लगी है . लेकिन उसे अच्छे अच्छे लण्ड नहीं मिल रहे है . उसे देर तक चोदने वाले लण्ड की जरुरत है . मैं चाहती हूँ की हया मेरी बेटी को ठीक तरह से चुदवाना सिखा दे .
तब तक पीछे से आवाज़ आयी :- हां हां तुम मेरी बेटी को ले जाओ . वह तेरी बेटी को मजे से सिखा देगी लण्ड चाटना लण्ड चूसना और बुर चुदवाना . ये तो गांड मरवाना भी अच्छी तरह से सिखा देगी .
बस दूसरे दिन हया मेरे घर आ गयी और मैं फिरोजा के घर पर ही रह गयी .
एक हफ्ते बाद एक दिन फिरोजा मुझे एक क्लब ले गयी .वह काफी लोग थे आधे मेल और आधी फिमेल . सब शराब पीने में मस्त थी . हम दोनों भी बैठ कर पीने लगी शराब . फिर मैंने देखा की धीरे धीरे लोग अपने कपडे उतारने लगे . मेरे बगल में बैठा एक आदमी ने अपना लण्ड खोला और उठकर उसे एक लड़की को पकड़ा दिया . फिर मैं घूमी तो देखा की एक आदमी फिरोजा की चूंची चूस रहा है . उधर मेरे सामने वाली औरत उठी और दो मर्दों के लण्ड पकड़ कर बारी बारी से चूसने लगी . इतने में मरी आँखों के सामने भी एक लण्ड आ गया . मेरा मुह बहन चोद अपने आप खुल गया . मैं लण्ड चूसने लगी . फिर किसी ने मेरे कपडे उतार दिया . मेरा भोषडा पे कोई हाथ फेरने लगा .
 तब तक फिरोजा बोली :- अरे माँ के लौड़े पहले मेरा भोषडा चोद ले गांड बाद में मारना ?
एक औरत और बोली :- तुम मादर चोदों को लण्ड पिलाने में बड़ा मज़ा आता है न ?
तब तक दूसरी बोल पड़ी :- लण्ड तो पीने में भी मज़ा आता है न ? देखो बहन चोद सारी लड़कियां लण्ड पीने में जुटी हुई है . आजकल की लड़कियां लण्ड ज्यादा पीती है .
अचानक मैंने देखा की मेरी बेटी सीरी भी वहां हया के साथ आ गयी .
एकाएक एक लड़के ने कहा :- हाय मेरी जान कहाँ बैठोगी ?
मेरी बेटी बोली :- तेरे लण्ड पे बैठूंगी, साले
वह बोला :- तेरी गांड इतनी मोटी है की मेरा लण्ड पिचक जायेगा यार ?
मेरी बेटी बोली :-  तो फिर यहाँ चोदने क्यों आये हो . मुठ्ठ मार कर सो जाया करो .
तब तक कोई और बोला :- हाय रे मेरी जान आओ तुम मेरे लण्ड पे बैठ जाओ ?
मेरी बेटी वाकई उसके लण्ड पर बैठ गयी . उसने लण्ड अपनी गांड में नहीं अपनी चूत में घुसेड लिया और हाथ बढाकर एक और लण्ड पकड़ कर चाटने लगी . उसके सामने हया सीधे सीधे बुर चुदवाने में जुट गयी . इधर मैं एक लण्ड पी रही थी और दूसरे से चुदवा रही थी .
थोड़ी देर में हया ने मुझे देख लिया वह बोली :- हाय आंटी, देखो अब तेरी बेटी कितनी मस्ती से लण्ड चूस रही है . मैंने उसे सब सिखा दिया है . अब वह बड़े बड़े मोटे मोटे लण्ड अपनी बुर में गप्प से घुसेड लेती है . मैंने हाथ हिला कर कहा :- हाय सीरी मजा आ रहा है चुदाने में ?
वह बोली :- हां मोंम यहाँ तो सारे लण्ड ब्राइट के लण्ड से बड़े है . मैं अब बड़े बड़े मर्दों से चुदवाने लगी हूँ मोंम ? धीरे धीरे सीरी और हया दोनों पक्की दोस्त हो गयी . दोनों खूब बातें करती और एक साथ चुदवाने जाती .
 उधर मेरी दोस्ती मुमताज़ और फिरोजा से बहुत गहरी हो गयी .
एक दिन मैं मुमताज़ के घर गयी तो उसने मुझे अन्दर बुलाया . थोड़ी व्हिस्की पिला कर मेरी बुर में एक लण्ड पेल दिया . मैं हैरान हो गयी की इसके पास इतने लण्ड कहाँ से आते है . थोड़ी देर में एक आदमी अपना लण्ड हिलाता हुआ और आ गया . मैंने उसका लौड़ा मुमताज़ के भोषडा घुसा दिया . हम दोनों ने अदल बदल कर  दोनों मर्दों से खूब चुदाया .
फिर दूसरे दिन जब फिरोजा के घर गयी तो वह बोली हाय मलाला तुम सही वक्त पर आयी हो . चलो अन्दर कमरे में चलो . मैंने वहां देखा की तीन मर्द अपना अपना लण्ड खड़ा किये हुए लेटे है . वह बोली बोलो तुम किस लौड़े से पहले चुदवाओगी . मैंने बीच वाला लण्ड पकड़ा और उसे हिला हिला कर मस्त कर दिया फिर पेल लिया अपने भोषडा में . मैं रात भर चुदी उन तीनो से .
एक दिन मैं मेरी बेटी और हया तीनो बैठी हुई बातें कर रही थी .
हया बोली :- आंटी तुम कहाँ कहाँ चुदवाती हो आजकल ? सुना है आजकल तेरा भोषडा बड़ा तहलका मचा रहा है . तुम अकेली नहीं आंटी, मेरी माँ भी है और फिरोजा खाला जान भी . तुम तीनो के भोषडे बड़े मशहूर हो रहे है . मेरी बेटी बोली :- हां माँ, हर मर्द की जुबान पर तेरे भोषडा नाम आता है . फिर वो मुमताज़ आंटी का भोषडा और फिरोजा आंटी के भोषडा की बात करता है .
हया बोली :- और यह भी सच है की हर कोई ये तीन भोषडा चोदना चाहता है .
मैंने कहा :- तब तो बहुत अच्छा है लेकिन तुम बताओ तुम दोनों कहाँ कहाँ चुदवाती हो ?
हया बोली :- मैं तो हर रोज़ चुदा कर आती हूँ . मैं किसी से भी कहीं भी चुदवा लेती हूँ आंटी ?
मेरी बेटी बोली :- मैं भी हर रोज़ चुदा कर आती हूँ . और मौका मिलता है तो फिर चुदवाती हूँ .

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=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०समाप्त


   
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