Friday, June 14, 2013

'लण्ड' के लिए बनी भाभी

 मैं अपनी कॉलोनी में गौरी भाभी के नाम से जानी जाती हूँ . कॉलोनी के सारे लड़के मुझे भाभी कहते है . कुछ लोग जो मेरी उम्र के है वे भी मुझे भाभी कहने लगे है .और कुछ लोग जो थोडा मुझसे बड़े है वो भी बहन चोद मुझे भाभी कहते है . क्योंकि भाभी कह कर मुझसे मजाक कर सकते है . मैं ये सब खूब एन्जॉय करती हूँ . मेरे देवरों की संख्या दिन पर दिन बढती जा रही है . कुछ तो देवर ऐसे है जो मेरे बहुत नजदीक आ गए है . यानी वे मुझसे खुल कर हंसी मजाक करने लगे है . मैं भी खुल कर जबाब देती हूँ . वे सभी मेरे जबाब पर खुल कर हँसते है . मेरी  सेक्सी मुस्कान पर जान देते है . मुझसे बातें करने के लिए हमेशा तैयार रहते है . कुछ तो बस मेरे से बात करने के लिए ही आते है . कुछ तो बिना बात के बात करते है .
मैं मांग में सिन्दूर लगाती हूँ . चूड़ियाँ पहनती हूँ गले में मंगल शूत्र पहनती हूँ बिंदी लगाती हूँ और सुहागिन का पूरा श्रृंगार करती हूँ . मेरी उम्र २८ साल की है . मैं एक कंपनी में काम करती हूँ . खुदा ने मुझे बेपनाह खूबसूरती दी है . मेरी बड़ी बड़ी आँखे गोरा भरा हुआ बदन, दो बड़े बड़े चूतड़, एक सेक्सी गांड, दो मदमस्त सुडौल बड़ी बड़ी चूंचियाँ, गुन्दाज़ बाहें और सेक्सी मुस्कान ? मैं जिसे प्यार से देख लेती हूँ उसका लौड़ा सनसनाने लगता है . मैं लोगों से कहती हूँ की मेरा हसबैंड विदेश में काम करता है . वह जब कब आता रहता है . लोग मेरी बात यकीन करते है और मुझे पूरी इज्ज़त देते है .
लेकिन मुझे इज्ज़त के साथ साथ "लण्ड" भी दे दें तो मज़ा आ जाये ? मैं लण्ड की शिकारी हूँ. मैं लण्ड का शिकार करती हूँ . मेरा निशाना कभी चूकता नहीं है  .
मैं हमेशा लण्ड की तलास में रहती हूँ . आजकल मेरी निगाह कई लौडों पर है . देखिये कौन सा लण्ड मेरे हाथ में पहले आता है और कौन सा बाद में ?
मेरे पास एक लड़का आता है नाम है उसका डब्बू . मोहल्ले का ही है . लेकिन मुझसे काफी हिला हुआ है . मैं उसे बच्चा ही समझती हूँ . दूसरे है मिस्टर आकाश  ये ४० साल के है लेकिन मुझे भाभी कहते है . मैंने एक दिन कहा आकाश अंकल आप मुझे भाभी क्यों कहते है ? वह बोला ताकि आपको लगे की मैं आपकी ही उम्र का हूँ . मैंने पूंछा इससे क्या होगा ? वह बोला मैं आपसे मीठी मीठी बातें कर सकूंगा ?
मैंने कहा :- मेरा मन सिर्फ मीठी मीठी बातों से नहीं भरता भोषडी के अंकल ?
वह बोला :- फिर जिससे भरता है मैं वह भी कर सकता हूँ .
मैंने कहा :- वाओ, तुम तो पीछे ही पड़ गए मादर चोद ?
वह बोला :- अरे भाभी मैं आगे भी पड़ सकता हूँ बहन चोद ?
मैंने कहा :- देखो मुझे गाली मत दो माँ के लौड़े ? नहीं तो मैं अभी तेरी गांड मारूंगी . मुझे प्यार से कोई गाली दे तो मैं अपनी माँ भी चुदवा लूंगी . पर इस तरह नहीं जैसे तुम बोल रहे हो ?
वह बोला :- नहीं भाभी जान मैं तो प्यार से कह रहा हूँ . अगर तुम्हे बुरा लगा तो मैं माफ़ी चाहता हूँ .
मैंने कहा :- बड़े हसीन लग रहे हो देवर जी ?देखो मैं एक बार पकड़ लूंगी तो फिर छोडूंगी नहीं ?
इतने में उसका फोन आ गया और वह चला गया . मैंने सोंच लिया की मैं इसका लण्ड जरुर पकडूगी ?
तीसरा है शेखर  जो २५ साल का है और बड़ा स्मार्ट है . जब आता है तो उसकी नज़र मेरी चूंचियों पर ही रहती है . एक दिन मैं अकेली बैठी थी वह आ गया . मेरे बगल में बैठ गया .
मैंने कहा :- कहो शेखर क्या किसी लड़की को पटा कर आरहे हो ?
वह बोला :- नहीं भाभी लड़की साली पटती ही नहीं ?
मैंने मजाक किया :-लड़की को जो चाहिए वो दिखा दो उसे बस पट जाएगी ?
वह हंस पड़ा बोला भाभी ऐसे कैसे दिखा दूं ? बड़े जूते पड़ेंगे भाभी ?
मैंने कहा :- तो फिर किसी की बीवी पटा ले ?
वह बोला :- हां वही तो कर रहा हूँ भाभी ? देखो पट जाए तो मज़ा आ जाये ?
मैंने कहा :- कौन है वो मुझे बताओ तो मैं कुछ मदद कर सकती हूँ .
वह बोला :- कहने की हिम्मत नहीं हो रही है, भाभी  .
मैंने कहा :- यार मर्द हो की नहीं ? गांड क्यों फट रही है तेरी ? बता न मुझे भोषडी के ?
वह बोला :- भाभी आप है वो बीवी  ?
मैंने कहा :- धत्त तेरे की अरे मुझे पटाने की क्या जरुरत है ? मुझे तो तेरा लौड़ा ही पटा लेगा ? अगर तेरा लण्ड मेरे मन का हुआ तो समझो की मैं पट गयी नहीं तो नहीं ?
 इतना कह कर मैंने उसकी जाघों पर हाथ फेरना शुरू किया उसका हाथ मेरी चूंचियों पर गया ही था की किसी ने डोर बेल बजा दी . दो दिन बाद डब्बू आ गया . शाम का समय था . मैंने कहा तुम फिर आ गए भोषडी के ? वह बोला भाभी आज आपको एक  चुटकुला सुनाने आया हूँ मैंने कहा ठीक सुना माँ के लौड़े मैं भी सुन लेती हूँ .
वह बोला :- एक बार दो लण्ड आपस में बात कर रहे थे . पहला लण्ड बोला चलो यार मैं तुम्हे फिल्म दिखाता हूँ . दूसरा लण्ड बोला यार ब्लू फिल्म मत दिखाना ? पहला बोल क्यों ? दूसरा बोला क्योंकी मुझे खड़े खड़े देखना पड़ेगा ?
मैंने कहा :- अच्छा इसका मतलब तेरा भी लण्ड खड़ा होने लगा है .
वह बोला :- अब ये तो देख कर ही पता चलेगा भाभी ?
मुझे भी प्यार आ गया . मैंने हाथ बढाया और उसके लण्ड पर रख दिया और कहा चल दिखा अभी मुझे अपना लण्ड ? मैं अभी तुझे मादर चोद नंगा करती हूँ .
वह बोला :- भाभी तुम भी तो दिखाओ न प्लीज  .
मैंने अपनी दोनों चूंचियाँ खोल कर दिखा दी . फिर उसकी पैंट उतारी और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी . लण्ड बहन चोद खड़ा हो गया .
मैंने कहा :_ वाओ, तेरा इतना बड़ा लण्ड ? तू तो बिलकुल मर्द हो गया है रे ? तेरा लण्ड तो बुर चोदने वाला हो गया है डब्बू ? पर तेरी इतनी बड़ी बड़ी झांटे क्यों है ? इन्हें बनाते नहीं हो क्या ? देखो पेल्हड़ में भी झांटे है
वह बोला :- भाभी मैं ठीक से बना नहीं पाता ?
मैंने कहा :- देखो तेरी झांटे घनी घनी है .बड़ी सेक्सी लगती है . मैं इन्हें ट्रिम कर दिया करूंगी . और तेरे पेल्हड़ की भी झांटे बना दिया करूंगी .आजकल लड़कियां लण्ड चाटने के साथ साथ पेल्हड़ भी चाटती है .
ऐसा कह कर मैं लण्ड मुह में लेकर चूसने लगी . मेरे अन्दर मस्ती चढ़ी हुई थी .
वह बोला :- भाभी अपनी बुर भी दिखाओ न मुझे ?
मैंने अपना पेटीकोट खोल दिया और दिखा दिया उसे बुर ? वह बुर सहलाने लगा . मैं उसका लण्ड चपर चपर चूस रही थी .
वह बोला :- भाभी मैं बुर में घुसेडू लण्ड ?
मैंने कहा :- नहीं आज नहीं आज मैं तेरा लण्ड चाटूंगी . इसका सड़का लगाऊँगी इसका मक्खन खाऊँगी और लण्ड का पूरा स्वाद लूंगी . बुर तुम मेरी फिर कभी चोदना ?
मैं जल्दी जल्दी सड़का मारने लगी . थोड़ी देर में वह झड गया और मैंने झड़ता हुआ लण्ड खूब चाटा .
 उस दिन इतवार था . दिन के ११ बजे थे . मैं बाथ रूम से नंगी निकली . तब मैंने देखा की वहां शेखर बैठा हुआ है . उसकी नज़र मुझ पर पडी . उसने मुझे बिलकुल नंगी देख लिया .
मैंने कहा :- अरे यार तुम यहाँ कैसे आ गए ?
वह बोला :-  भाभी दरवाजा खुला था मैं आपको खोजते खोजते यहाँ आ गया . यहाँ टी वी चल रहा था मैं टी वी देखने लगा .
टी वी पर चल रही थी एक जबरदस्त ब्लू फिल्म ? मैंने टी वी बंद किया .
वह बोला :- भाभी, आप बला की खूबसूरत है .
मैंने कहा :- अब तो तुमने मुझे नंगी देख लिया है . लो अब मैं तौलियां भी नहीं पहनती ? मैं नंगी ही रहूंगी ., मुझे भी मस्ती आ गयी .
मैंने कहा :- अब मैं तुझे मादर चोद नंगा करूंगी .
मैं नंगी नंगी उसके कपडे उतारने लगी . जब वह पूरा नंगा हो गया तो मैंने लौड़ा पकड़ लिया . लण्ड खड़ा होने लगा . मैंने उसकी कई बार चुम्मी ली और कहा :- यार शेखर तेरा लौड़ा बड़ा सालिड है यार ? आज मैं तुम्हे छूट देती हूँ तुम इस बहन चोद लण्ड को मेरी बुर में पेल दो . और चोदो मुझे भकाभक ?
वह लौड़ा मेरी बुर में घुसेड़ने लगा .
मैंने कहा :- यार थोडा रुक जाओ . मैं इसका मज़ा ज़रा ले तो लूं . मैं इसे पहले चाट कर चूस कर देख तो लूं . तब तक तुम भी मेरी बुर चाटो . बस मैं लण्ड चाटने लगी और वह मेरी बुर ? हम दोनों मस्ती में चूर हो गए . थोड़ी देर में शेखर मुझे गचागच चोदने लगा . मैं भी खुल कर चुदवाने लगी .
 मैंने पूंछा :_ शेखर तेरा कोई दोस्त है जिसका लण्ड तेरे लण्ड जैसा हो ?
वह बोला :- है न भाभी . बड़ा गठीला दोस्त है मेरा सागर ? उसका लण्ड भी जबदस्त है .
मैंने कहा :- यार उसे भी अगली बार ले आना मैं दो लण्ड से एक साथ चुदवाना चाहती हूँ . पर क्या तुमने उसका लण्ड देखा है ?
वह बोला :- अरे भाभी असली बात तो यह है की मैं उसकी बीवी चोदता हूँ . उसकी बीवी मेरा लण्ड पहले तो खूब पीती है और फिर  अपनी बुर फैलाकर मेरा लण्ड घुसेड लेती है .
मैंने कहा :- तो वह अपनी बीवी तुमसे क्यों चुदवाता है ?
वह बोला :-मैंने वादा किया है की जब मेरी शादी हो जाएगी तो वह मेरी बीवी चोदेगा ? अब अगर तुम उससे चुदवा लो भाभी तो उसे भी कुछ दिन के लिए मज़ा मिल जायेगा ?
मैंने कहा :- देखो भोषडी के शेखर मैं जिससे एक बार चुदवा लेती हूँ तो फिर उससे बार बार चुदवाती हूँ .उसका लण्ड कभी छोड़ती नहीं हूँ . सागर से कहो कल आकर मुझे चोदे तुम्हारे साथ .
मैं फिर पीछे से चुदवाने लगी . लण्ड जब झडा तो ढेर सार वीर्य निकला ? मैं उसे चाट चाट कर पूरा लण्ड चाट गयी . लण्ड मुझे बहुत प्यारा लगा ?
अगले इतवार को मैं चली गयी सुबह सुबह आकाश अंकल के घर . उसने दरवाजा खोला तो हैरान हो गया मुझे देख कर . वह नंगे बदन था . केवल एक नेकर पहने था . उसका कसरती और सेक्सी बदन देख कर  मेरी चूत में चुनचुनाहट होने लगी . मेरी चूंचियाँ मचलने लगी . उसने मुझे बैठाया और बातें करने लगा . फिर बोला बैठो मैं आपके लिए चाय बनाता हूँ . मैंने उसे रोका और पूँछा आंटी कहाँ है ?  वह बोला यार मैं अकेला हूँ . मैंने शादी नहीं की ?  फिर मैं उसके किचेन में घुस कर चाय बना कर ले आयी हम दोनों पीने लगे .
मैंने कहा :- आज तुम बहुत सेक्सी लग रहे हो मादर चोद अंकल  ?
 वह बोला :- क्यों सुबह सुबह मजाक कर रही हो भाभी ?
मैंने कहा :- भाभी की माँ की बुर ? मैं तेरी भाभी नहीं हूँ . मैं हूँ तेरी बुर चोदी गौरी, भोषडी की गौरी, माँ की लौड़ी गौरी, यार मुझसे गाली देकर बात किया करो .
मैं उसकी छाती के बालों पर हाथ फिराने लगी . वह मेरी चूंचियाँ टटोलने लगा . मैं धीरे धीरे उसकी नेकर के अन्दर हाथ डाल दिया ? 
मैंने कहा :_ वाओ, अंदर तो बहन चोद एक भी झांट नहीं है यार ?  
वह बोला  :- आज सबेरे ही साफ़ कर ली है . इतने में मैंने नेकर झर्र से नीचे खसका दी . उसका लण्ड टन टना कर मेरी आँखों के सामने आ गया ?
मेरे मुह से निकला :_ हाय अंकल तेरा लौड़ा तो सबसे मोटा तगड़ा है यार ? मैं पहली बार इतना मोटा लण्ड पकड़ रही हूँ बहन चोद ?
इतने में उसने मुझे एकदम नंगी कर दिया . हम दोनों बेड पर चले गए . मैं उसे ऊपर चढ़ कर उसका लण्ड चाटने लगी . शेखर के लण्ड से भी बड़ा लण्ड था इसका ? इसका सुपाड़ा बड़ा खूबसूरत लग रहा था . पहाड़ी आलू जैसा सुपाड़ा ? मैं उसे बार बार मुझे में लेती और फिर बाहर निकालती  . मैं मस्त हुई जा रही थी .
मैंने कहा :_ अंकल भोषडी के इतना बढ़िया लण्ड तूने मुझे पहले क्यों नहीं पकडाया ?
वह बोला :-  तुमने मौका ही कहाँ दिया मेरी माँ की लौड़ी गौरी ?
 मैंने कहा :- अब मैं तुझे मौका भी दे रही हूँ और बुर भी दे रही हूँ . मेरी बुर में पेलो लण्ड और चोदो मुझे रंडी की तरह ? आज मैं तेरे लण्ड की माँ चोदूंगी . तेरे लण्ड पे  बैठ कर अपना भोषडा चुदवाऊँगी . आज मैं तेरा लण्ड भून डालूंगी अपनी बुर में घुसेड कर ?
मैं मस्ती में बके चली जा रही थी . इसी बीच आकाश ने घुसा दिया पूरा लौड़ा मेरी बुर में  . मैं गांड उठा उठा कर अपनी चूंची हिला हिला कर चुदाने लगी .
दूसरे दिन मैंने आकाश के दोस्त को भी बुला लिया . दोनों ने मिलकर मुझे चोदा  . मुझे दो मर्दों से एक साथ चुदवाने में खूब मज़ा आता है . एक लण्ड मुह में एक गांड में, एक लण्ड बुर में एक मुह में, एक लण्ड गांड में एक बुर में ?   इस तरह अदल बदल कर चुदाने का मज़ा ही कुछ और है ?
उसके बाद डब्बू बहन चोद अपने दोस्त को ले आया . मैंने उन दोनों से भी मस्त चुदवाया ? शेखर भी कम न था . वह सागर को लेकर मेरे घर आ गया  . मैंने दोनों लण्ड अपने एक एक हाथ में लिया और खूब मजे से पिया चाटा और चूसा फिर अपनी बुर में घुसा कर चुदाई का पूरा मज़ा लिया . अब मेरे पास लण्ड ही लण्ड आने लगे . मेरी चूत बहुत बिजी हो गयी . उसे मूतने की भी फुरशत नहीं ? मेरी गांड भी व्यस्त हो गयी . अचानक मुझे गांड मरवाने का भी शौक हो गया .
एक दिन मैं एक सेक्स पार्टी में चली गयी .
वहां कई कपल थे कई सिंगल मर्द थे और कई सिंगल बीवियां ? लेकिन सब शादी शुदा ?  मैं  नंगी नंगी मगन होकर दो दो लण्ड का मज़ा ले रही थी . मेरी चूत एक तीसरा मर्द चाट रहा था . एक काला लण्ड था एक गोरा ? मुझे काला लण्ड ज्यादा मज़ा दे रहा था . तीन तीन  मर्दों से एकसाथ चुदवाने का मेरा पहला मौका था . मुझे ग्रुप में चुदाने का उसी दिन से शौक डेवेलोप हो गया . मैं जल्दी जल्दी लण्ड बदल बदल कर चुदवाने लगी . कोई लण्ड पीती, कोई लण्ड हाथ से सहलाती, कोई लण्ड गांड में लेती, कोई लण्ड बुर में पेलती , कोई चूंची के बीच घुसा लेती ? चारों तरफ मस्ती ही मस्ती छाई थी .  मैंने मन में सोंचा वाह क्या सेक्स पार्टी है ? अब मैं हमेशा सेक्स पार्टी में चुदवाया करूंगी .
अचानक मेरे कंधे पर किसी ने हाथ रखा  .
मैं पीछे मुड़ी तो बोली :- वाओ, तू बहन चोद कामिनी ? तू यहाँ कहाँ मरवा रही है यार ?
कामिनी बोली :- पहले तू बता भोषडी वाली तू यहाँ क्या कर रही बुर चोदी गौरी ?
मैंने कहा :- मैं यहाँ लौड़ा अपने भोषडा में घुस रही हूँ ?
कामिनी बोली :- लौड़ा तो मैं भी घुसा रही हूँ अपने भोषडा में ? पर यहाँ तो शादी शुदा लोग ही आतें है तेरी तो अभी शादी नहीं हुई है ?
 मैंने कहा :- देख कामिनी मुझे लण्ड के लिए भाभी बनना पडा ? भाभी बनते ही मुझे लण्ड पर लण्ड मिलने लगे . लोग मेरे घर आकर मुझे चोदने लगे लेकिन मेरी कोई बदनामी नहीं हुई क्योंकि समाज की नज़र में मैं एक शादी शुदा औरत हूँ .
कामिनी बोली :- यार, शादी तो मेरी भी नहीं हुई. मैं भी यही करती हूँ मादर चोद ? मैं भी तुम्हारी तरह चुदवाती हूँ . आज मेरे पास लौडों की भीड़ लगी रहती है . मैं मस्त होकर दिनरात चुदवाती हूँ .
मैंने कहा :- वाह यार, तब तो मज़ा आ जायेगा ?
कामिनी बोली :_ देख गौरी आज से मेरे पास जितने लण्ड है मैं वो सब तेरी बुर में घुसेडूगी और तेरे पास जितने लण्ड है वो सब तू मेरी बुर में घुसेड देना ?
मैंने कहा :- हां यार हम तुम मिलकर चुदवायेंगी तो ज्यादा मज़ा आएगा . भाभी बनने का पूरा पूरा फायदा उठाऊंगी ?

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