Thursday, June 6, 2013

ये लण्ड है बेटी इसे चूसो

ये लण्ड है बेटी, इसे चूसो ? देखो न कितना बड़ा, मोटा और हार्ड है ये लण्ड ? ऐसे ही लौडों से चुदवाने में मज़ा आता है पर चुदवाने के पहले लण्ड चूसने और चाटने में उससे ज्यादा मज़ा आता है . ऐसा करने से लण्ड  की ताकत बढती है और फिर वह चूत अच्छी तरह चोदता है . यही बात कह कर मेरी मोंम जूलियट मुझे जोसफ अंकल का लण्ड पकडाते हुए बोली . मेरी पहली नज़र जब अंकल के लण्ड पर पड़ी तो मेरी गांड ही फट गयी  . कॉलेज के लड़कों में किसी का इतना बड़ा लौड़ा है ही नहीं बहन चोद ? मैं मन में सोचने लगी की क्या इतने बड़े बड़े होते है ?
बस मैं लण्ड पकड़ते हुए बोली :- मोंम ये तो बहुत बड़ा है लण्ड ? मैंने कभी इतना बड़ा लण्ड देखा ही नहीं ? ये तो मेरी एक मुठ्ठी में आ ही नहीं रहा है ?
मोंम बोली :- हां बेटी ये मर्दाने लण्ड है ? और मैं तुम्हे बताती हूँ की लण्ड तो इससे भी बड़े बड़े होते है . आगे चल कर मैं तुम्हे और बड़े लण्ड पकड़ाऊँगी ? अब मेरा भोषडा चोदने के लिए इससे छोटा लण्ड मादर चोद क्या करेगा ?कुछ पता ही नहीं चलेगा कहाँ गया लण्ड ?
मैंने कहा :- पर, मेरा तो भोषडा नहीं है मोंम ?
मोंम बोली :- अरी केरी अब तू २४ साल की हो गयी है . मस्त जवानी है तेरी ? तेरी चूंची अब मेरी चूंची का मुकाबला करने लगी है . तेरी गांड मस्त निकल आयी है . तेरी घनी घनी झांटे किसी भी लण्ड को तुरंत खड़ा कर देती है . ऐसे में इतना बड़ा लण्ड बहन चोद तेरी चूत के लिए कुछ भी नहीं है केरी ? तू अपनी चूत की गहराई नहीं जानती ?

कोई भी ऐसा लण्ड नहीं है जो तेरी चूत में घुस न सके ? बस तू धीरे धीरे वह करती जा जो मैं कहती हूँ . मेरी इच्छा है की तुम जवानी का पूरा पूरा मज़ा लो . और मज़ा मर्दों के बड़े बड़े लौडों में ही है .
 मोंम की बातें सुनकर मैं सारे कपडे उतार कर जोसफ अंकल का लण्ड चूसने लगी . जोसफ मेरी चूंची पर मेरी गांड पर मेरे चूताडों पर हाथ फेरने लगा .
मोंम मुझे बड़े ध्यान से देख रही थी की मैं कैसे लण्ड पकडती हूँ और कैसे चूसती हूँ . उसे कुछ  गलती लगी . वह मेरे पास आयी और मुझे खुद लण्ड पकड़ कर बताया देखो बेटी ऐसे पकड़ा जाता है लण्ड और फिर ऐसे चूसा जाता है लण्ड ? मैं मोंम के कहने पर अपना स्टाइल बदला तो मुझे ज्यादा मज़ा आने लगा और अंकल को भी .
लण्ड  से टप्प टप्प लार निकल रही थी .
मेरे मुह की लार जबरदस्त थी . उसका सुपाड़ा बहन चोद मुझे बिलकुल आम की गुठली की तरह लग रहा था  . मैं बीच बीच में लण्ड पूरा गटक जाने की कोशिश करती . मैं मस्त होती जा रही थी मोंम के सामने लण्ड पीने में  . मोंम तब तक मेरे चूतड़ सहलाने लगी .
लण्ड चूसो बेटी 
मेरी पीठ कर हाथ फेरने लगी . मेरी चूत भी सहलाने लगी . मैं जब मस्ती हुई लण्ड चूस कर तो चढ़ बैठी अंकल के ऊपर . मोंम तौलिया से लण्ड पोंछा और फिर मुझे पकड़ा दिया . अब मैं अंकल का लण्ड दोनों गदेलियों में लेकर उसे मथानी की तरह रगड़ने  लगी . इसमें उसे भी मज़ा आने लगा और मुझे भी . मोंम यह सीन देख कर मुस्कराने लगी . उसे मुझ पर  नाज़ हो रहा था .
बस थोड़ी देर में मैं खुद ही लण्ड पर बैठ गयी और कूद कूद कर चुदवाने लगी . लण्ड पूरा का पूरा बहन चोद मेरी बुर में घुस गया . दिखाई ही नहीं पड़ रहा था की कहाँ गया लण्ड ? मेरी गांड अंकल के जाँघों पर रगड़ खा रही थी . लेकिन साला हरामी लण्ड बुर के अन्दर चोट पहुंचा रहा था ऐसा मुझे मालूम हुआ . बड़ी दूर तब मार कर रहा था लण्ड ? अन्दर अन्दर ही टन टना रहा था लण्ड ? ऐसे में मुझे मज़ा खूब आ रहा था . इस तरह की चुदाई मैं पहली बार मोंम के सामने कर रही थी . बस ५ मिनट के बाद ही अंकल बोला  केरी अब मैं निकलने वाला हूँ . मैं फ़ौरन उसके लण्ड पर से उठ गयी और तब तक मोंम ने लण्ड अपनी मुठ्ठी में ले लिया और खचाखच ऊपर नीचे करने लगी . मैं समझ गयी की मोंम लण्ड का सड़का लगा रही है . मैं भी मुह खोल कर उसके बगल में बैठ गयी . मोंम ने पहली पिचकारी मेरे मुह में मारी और फिर दो पिचकारी अपने मुह में . हम दोनों बड़ी मस्ती से अंकल का झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी .
उसके बाद मैं हर रोज़ किसी न किसी का लण्ड चूसने लगी . मैं धीरे धीरे मोंम के बॉय फ्रेंड्स के लण्ड चूसने लगी . एक दिन मिस्टर मार्क मेरे घर आ गये  . मैं उसे पहचानती हूँ . मोंम घर पर नहीं थी . मैंने उसे बैठाया और ड्रिंक्स सर्व कर दी . मैं भी पीने उसके साथ .
अंकल बोला - केरी तेरी मोंम कहाँ गयी है और कब तक आएँगी ?
मैं बोली  :- वह फिल्म देखने गयी है और दो घंटे के बाद आएँगी
अंकल बोला :- वाओ, तब तक तो बहुत देर हो जाएगी .
मैंने कहा :- काम बताओ न अंकल ? मैं कुछ कर सकती हूँ आपके लिए ?
वह बोला :- काम तो उसी से था . हमेशा वही करती है ?
मैंने कहा :- अंकल, खुल कर बताओ न प्लीज ?
अंकल बोला :- अब क्या बताऊँ तुमसे ? कुछ झिझक हो रही है ?
मैंने कहा :- अबे माँ के लौड़े, साले मादर चोद मैं कोई बच्ची नहीं हूँ . जवान लड़की हूँ . बताने में तेरी गांड क्यों फट रही है . अपनी माँ चुदाने आये हो मेरी मोंम से क्या ?
 वह बोला :- हां अब मैं खुल कर बता सकता हूँ तुम्हे  .
मैंने कहा :-खुल कर  बताओ भोषडी के,  नहीं तो मैं तुझे एकदम नंगा करके भेजूंगी यहाँ से
वह बोला :- मैं तेरी मोंम को लण्ड पिलाने आया हूँ . बड़ी मस्त होकर पीती है तेरी मोंम मेरा लण्ड ? बहुत अच्छी तरह से चूस लेती है मेरा लण्ड ?
मैंने कहा :- बस इतनी सी बात ?  लण्ड तो मैं भी पीती हूँ बहन चोद अंकल ? और चूसती भी खूब हूँ बिलकुल अपनी  मोंम की तरह ?
मैंने इतना कहा और उसके जाँघों पर हाथ फेरने लगी . फिर धीरे से बेल्ट खोली . बटन खोल दी . पेंट नीचे खसका दी . चड्ढी के ऊपर से लण्ड सहलाने लगी . लण्ड बड़ा तगड़ा लग रहा था . मैंने उसकी ऊपर से ही चुम्मी ली . फिर झट से चड्ढी नीचे घसीट दी . उसका नंगा लण्ड फन फना कर मेरे आगे खड़ा हो  गया . मैंने पहले जबान निकाल कर लण्ड खूब चाटा . पेल्हड़ से सुपाडे तक फिर सुपाडे से पेल्हड़  तक ? चिकना लण्ड कुला अंडाकार सुपाडा बड़ा मस्त लग रहा था . तब तक मैं भी नंगी हो गयी . मेरी चूंची और चूत देख कर लण्ड और गुर्राने लगा . गोरा गोरा मोटा ताज़ा लण्ड मेरे तन बदन में आग लगा रहा था . बस मैं धकापेल लण्ड चूसने में जुट गयी . बार बाहर निकालती फिर अन्दर फिर बाहर और फिर अन्दर लण्ड पूरी मस्ती आ गया था और अंकल सी सी करने लगा . मैं समझ गयी इस भोषडी वाले को लण्ड चुसाने में मज़ा आ रहा है .
 इतने में कमरे में मोंम आ गयी .
वह बोली :- वाओ, तुम बहन चोद मार्क मेरी बेटी को लण्ड चूसा रहे हो ? मेरा इंतज़ार नहीं कर सकते थे माँ के लौड़े  हराम जादे ?
वह बोला :- मैं तो इतजार कर रहा  था लेकिन तेरी बेटी ने खुद ही मेरा लण्ड पकड़ लिया ? बड़ा बढ़िया चूस रही है लण्ड तेरी बेटी ?
मोंम बोली :- ठीक है मैं भी आती हूँ और दोनों मिल कर चूसूंगी तेरा लण्ड . मोंम भी मेरे साथ लण्ड चूसने लगी . फिर अचानक उसने लण्ड मेरी बुर के मुह पर रख दिया और बोली मार्क साले अब तू मेरी बेटी की बुर चोद ? मेरी बेटी बुर चुदवाने में भी उतनी ही अच्छी है जितनी लण्ड चूसने में ? अंकल ने एक धक्का दिया लण्ड गप्प से घुस गया और वह चोदने भकाभक ?
मैंने कहा :- अंकल मेरी माँ का भोषडा चोदोगे ?
वह बोला :- अभी नहीं . अभी तो मैं तेरी बुर चोदने का मज़ा ले रहा हूँ . तेरी माँ का भोषडा बाद में चोदूंगा ? मैं मोंम के सामने चुदाने में मस्त थी . मुझे उसका लौड़ा बड़ा मज़ा दे रहा था . थोड़ी देर में जब मैंने लौड़े का सड़का मारा तो दूना मज़ा आ गया . अब मैं लण्ड चूसने में एक्सपर्ट हो गयी . मेरे साथ की लड़कियां मुझसे लण्ड पकड़ना और उसे चूसना सीखने लगी . एक बार मेरी एक सहेली लिली  मेरे पास आयी . उससे बात करते हुए और दारू का एक सिप लेते हुए मैं बोली  :-
हां मैं किसी को नहीं छोडती ? किसी अंकल को भी नहीं छोडती ? इन सब साले भोषडी वालो के चूस लेती हूँ "लण्ड" ? पूरा का पूरा चूसती हूँ लण्ड ? निचोड़ लेती हूँ मादर चोदों के लण्ड ? मुझे लण्ड चूसना सबसे अच्छा लगता है ? जितनी तेज मैं लण्ड पकड़ने में हूँ उतनी ही तेज मैं लण्ड चूसने में भी हूँ . जिसका लण्ड एक बार चूस लेती हूँ वो बहन चोद बार बार आता है मुझसे लण्ड चुसाने ? मैं तो हमेशा मौके की तलास में रहती हूँ . लड़का हो चाहे अंकल मुझे सबके लण्ड चूसने में मज़ा आता है . अंकल के लण्ड तो मैं खूब जम कर चूसती हूँ . एक तो लण्ड बड़े बड़े होते है और दूसरे उन्हें लण्ड चुसाने का अनुभव भी होता है . लड़कों के लण्ड तो जल्दी झड जाते है . कोई कोई तो मुह में डालते ही झड जाते है पर अंकल के लण्ड बड़ी देर तक मज़ा देते है . उन्हें चूसने में खूब मज़ा आता है . सुपाड़ा से पेल्हड़ तक और पेल्हड़ से सुपाड़ा तक चूसती हूँ लण्ड ? बीच बीच में लण्ड को और लण्ड वाले को गाली भी खूब देती हूँ . लण्ड भोषडी का गाली सुन सुन कर और  टन टना जाता है ? और गुर्राने लगता है ? और मुझे ललकारने लगता है ?
तब उसको चूसने में दुगुना मज़ा आता है .
मैं तो कहती हूँ सना , तुम भी मेरी तरह चूसा करो लण्ड और लिया करो जवानी का पूरा मज़ा ?
लिली बोली :- हां यार, मेरी मोंम भी यही कहती है की औरत की जवानी का सारा मज़ा मर्दों के लण्ड में है ? जवानी में हर रोज़ सुबह शाम लण्ड चूसना चाहिए ? मेरी मोंम बुर चोदी  ४५ साल की हो गयी है पर आज भी वो सुबह शाम लण्ड चूसती है . बल्कि वो मुझे भी सिखाने लगी है लण्ड  चूसना ? लेकिन मुझे लगता  है की मैं अभी लण्ड चूसने में कच्ची हूँ केरी  ? बताओ मैं क्या करू ?
मैंने पूंछा :- क्या तुमने कभी मिल कर कसी का लण्ड चूसा है . लिली बोली :- हां चूसा है पर मेरी मोंम मुझसे  ज्यादा चूस लेती है . मैंने कहा :- फिर चुद्वाती हो मोंम के सामने . लिली बोली :- हां चुद्वाती जरुर हूँ पर मेरी मोंम भोषडी वाली मुहसे पहले चुदवा लेती है . उसका भोषडा जाने कितने लण्ड खा जाता है . मुझे तो बस बचे खुचे लण्ड मिलते है .
मैंने कहा :- यार तू चिंता न कर मैं तुझे दूँगी बड़े बड़े लण्ड ? मेरी मोंम को जब कोई लण्ड पसंद आता है तो वह सबसे पहले मुझे पकड़ा देती है और फिर उसे मेरी बुर में पेल देती है . मैं मजे से चुदवाने लगती हूँ . इतने में लिली की मोंम सोफिया आ गयी . वह मेरी मोंम की दोस्त भी है . मोंम के साथ बैठ कर बातें करने लगी .
 सोफिया आंटी बोली :- मैंने सुना है की तेरी बेटी लण्ड पीने में बड़ी एक्सपर्ट हो गयी है .
मोंम बोली :- हां वह जवान है उसकी चूत में बड़ी ताकत है . वह गांड मरवाने में भी मस्त है . उसे लण्ड पीने में चूसने में बड़ा मज़ा आता है . मैंने उसे कुछ टिप्स भी दिया है . आज मेरे जितने बॉय फ्रेंड्स वे सब मेरी बेटी को लण्ड पकडाते है . मेरा भोषडा चोदने के पहले वे मेरी बेटी की बुर चोदते है ? मेरे सामने चोदते है .
मैं ख़ुशी ख़ुशी अपनी बेटी की बुर चुद्वाती हूँ . और मेरी बेटी ख़ुशी ख़ुशी अपनी माँ का भोषडा चुदवाती है .
सोफिया बोली :- यार आज तुमने मेरी आँखे खोल दी है . अभी तक मैं अपने भोषडा का ख्याल रखती थी अपनी बेटी की बुर का नहीं ? पर आज से मैं अपनी बेटी की बुर पहले चुदवाऊँगी और अपना भोषडा बाद में ? उसके लिए बड़े बड़े लण्ड का इंतजाम करूंगी और उसे जवानी का पूरा पूरा मज़ा उठाने का मौका दूँगी .
एक दिन लिली ने मुझे फोन किया और कहा यार केरी तू अभी मेरे घर आ जाओ , मैं तुम्हे अपनी पड़ोसन का एक सीन दिखाऊंगी . जल्दी आ ? देर नहीं लगाना ?
मैंने  कहा :- यार अब कपडे तो पहनने दोगी की नहीं ?
लिली बोली :- तो क्या तुम बहन चोद बिलकुल नंगी बैठी हो ?
मैंने कहा :- हा यार लण्ड तो नंगी होकर ही चाटने में मज़ा आता है ?
लिली बोली :- तो फिर किसका लण्ड चूस रही हो ?
मैंने कहा :- जिमी अंकल का लण्ड ? पर मैं इसे अपनी मोंम को पकड़ा देती हूँ . वो चूसती रहेगी . मैं आ रही हूँ .
 मैं ५ मिनट में पहुँच  गयी . लिली मुझे तुरंत छत पर ले गयी और पड़ोस की छत पर कूद गयी . मैं उसके पीछे थी . हम दोनों एक छेद से कमरे का सीन देखने लगी . मैंने देखा की नगमा आंटी एकदम नंगी सोफे पर बैठी हुई दो दो मर्दों के लण्ड हाथ में लेकर सहला रही है . मैं लण्ड देखने लगी . क्या मस्त लौड़े थे यार ? मेरी तो चूत  गीली हो गयी . वह बार बार कभी इस लण्ड को कभी उस लण्ड को चूम रही थी .
फिर आंटी एकदम से बोली :- रजिया , ज़रा यहाँ आना कमरे में ? ( रजिया उसकी बेटी का नाम है )
रजिया फ़ौरन कमरे में घुस गयी . जब उसने अपनी अम्मी को दो दो लण्ड पकडे हुए देखा तो वह थोडा ठहर गयी .
आंटी  बोली :- अरी यहाँ आ ना अब तू सायानी हो गयी है . तेरी उम्र २२ साली की हो गयी है . लो एक तुम पकड़ो और एक मैं पकडती हूँ .
वह बोली :- ये क्या है अम्मी ?
 आंटी बोली :-  ये लण्ड है बिटिया ? असलम अंकल का लण्ड  इसे चूसो ? मुझे देख कर चूसो .  जैसे जैसे मैं चूसती हूँ वैसे वैसे तुम चूसो .  तब तुम्हे आएगा जवानी का असली मज़ा ?
मैंने कहा :- यार लिली, मेरा भी मन हो रहा है की मैं जाकर दोनों लण्ड चूसूं ?
 लिली बोली :- तू चिंता न कर . थोड़ी देर रुक जा . अभी एक बार दोनों लण्ड झड जाने दे ? फिर मैं चलूंगी आंटी के पास और पकडूगी लण्ड ?
मैंने कहा :- अगर उसने न पकड़ने दिया तो ?
 लिली बोली :- अरे उसकी माँ का भोषडा ? वह भी तो मुझसे लण्ड ले जाती है . अब तो उसकी बिटिया भी पीने लगी है लण्ड ? अब वो और मांगेगी मुझसे लण्ड ? 

=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=समाप्त 
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