यार, मुमताज़ मैं तुम्हे बिलकुल सच सच बता रही हूँ, आजकल मेरा भोषडा बहन चोद बड़ा हरामी हो गया है ? किसी की बात ही नहीं सुनता मादर चोद ? बस हमेशा खाने पीने की ही बात करता रहता है . इसको बिना शराब पिये और बिना लण्ड खाये चैन ही नहीं मिलता ? हर रोज़ पीने के लिए चाहिए दो / तीन पैग शराब और खाने के लिए चाहिए २/३ "लण्ड" ? मैं तो बहुत परेशान हो चुकी हूँ इस भोषडी वाले से ?
मुमताज़ बोली :- अरे यार, तुम ठीक कह रही हो हबीबा, मेरा भी भोषडा आजकल बहुत आवारा हो गया है . एक तो साला बहन चोद नंगा नंगा घूमता रहता है ? इसे कोई शर्म ही नहीं है ? जब भी कोई मर्द इसे दिखाई पड़ जाता है तो फ़ौरन उसके आगे नंगा हो जाता है और उसके लण्ड पर अपनी नज़रें गड़ा देता है ? जब तक लण्ड अपने अन्दर घुसेड नहीं लेता तब तक चैन नहीं लेता ? और पीने की कौन कहे ? मेरा भोषडा तो शराब के साथ साथ सिगरट भी पीने लगा है ? इसे तो दो पैग शराब के साथ २ / ३ सिगरट भी देनी पड़ती है मुझे ?
हबीबा :- अरे तेरा भोषडा सिगरट कबसे पीने लगा यार ?
मुमताज़ :- जब से वह बैंकाक / पटाया घूम कर आया है तब से . वहीँ इसने सिगरट पीना सीख लिया . वहां लड़कियों की चूत खुले आम सिगरट पीती है ? स्टेज पर कई नंगी लड़कियां अपनी अपनी चूत को सिगरट पिलाती हुई दिखाई पड़ती है . वहां तो खुले आम स्टेज पर दर्ज़नों लड़कियां एक साथ नंगी नंगी नाचती रहती है . किसी की चूत सिगरट पीती है, किसी की चूत बन्दूक की गोली चलाती है और किसी की चूत ३/४ अंडे अपने अन्दर घुसेड लेती है और फिर एक एक करके बाहर निकालती है . मेरा भोषडा कुछ और नहीं सीख सका लेकिन सिगरट पीना जरुर सीख लिया ?
हबीबा :- आज सुबह से कितने लण्ड खा चुका है तेरा भोषडा ?
मुमताज़ :- दो तो खा कर बैठा हुआ है . दो रात में खायेगा ? और तेरा भोषडा ,,,,,,,,,,,,,,,,?
हबीबा :- मेरा भी सुबह से दो लण्ड खा चुका है . अब रात में दो लण्ड खाने की तैयारी में है .
मुमताज़ :- तो एक काम करो न यार इन दोनों भोषडों को एक साथ बैठा कर खिलाओ न लण्ड ? यार हम तुम एक साथ अपना अपना भोषडा चुदवायें तो कितना मज़ा आये ?
हबीबा :- हां यार आईडिया तो बहुत अच्छा है ? हम तुम एक ही कमरे में अपना अपना भोषडा चुदवायें और एक दूसरे का भोषडा चोदें भी ? मैं तेरे भोषडा में लण्ड पेलूँ और तुम मेरे भोषडा में लण्ड पेलो फिर देखो कितना मज़ा आता है ?
मुमताज़ :- और लण्ड अदल बदल कर पेलें ? जिस लण्ड से मैं चुदवाऊ उसी लण्ड से तुम चुदवाओ और जिस लण्ड से तुम चुदवाओ उसी लण्ड से मैं चुदवाऊ ? तब मिलेगा जवानी का असली मज़ा ?
दोस्तों मैं हबीबा हूँ ३६ साल की एक मस्तानी औरत जिसने अभी तक न शादी की है और न आगे करेगी ? मैं २२ की उम्र से अपनी बुर चुदवा रही हूँ . अब तक सैकड़ों लण्ड मेरी बुर में घुस चुके है . मैं लण्ड की दीवानी हो चुकी हूँ . मेरा भोषडा मुझसे ज्यादा लण्ड का दीवाना है . मुझे लण्ड चाटने चूसने और लण्ड पीने का शौक है . यही शौक मेरे भोषडा को भी है . मैं जो लण्ड मुह में लेती हूँ वही लण्ड अपने भोषडा के मुह में घुसेड देती हूँ . अगर न घुसेडू तो भोषडा साला बुरा मान जाता है . मैं लड़कों से भी चुदवाती हूँ और मर्दों से भी . एक साथ दो दो / तीन तीन लण्ड से चुदाने का खूब मज़ा लेती हूँ .
यही हाल मेरी दोस्त मुमताज़ का भी है . उसने भी शादी नहीं की है और न करेगी ? वह मेरे टक्कर की ही लण्ड की शौक़ीन है . उसे जहाँ कोई लण्ड दिखाई पड़ता है तो वह फ़ौरन हाथ बढाकर पकड़ लेती है . एक बार हम दोनों ट्रेन से सफ़र कर रही थी दिल्ली से मुंबई . ये सी फर्स्ट क्लास में . उसमें एक लड़का आ गया . वह ३० साल के लगभग होगा . जब ट्रेन चल पड़ी . टी टी आकर चला गया तो मैंने दरवाजा बंद कर दिया . तीसरी बर्थ खाली ही थी . मुमताज़ ने मुझे आँख मारा उसका मतलब था की मैं आज इसका लण्ड जरुर पकडूँगी ?
मैंने कहा :- आसिक तुम कहाँ तक चलोगे ( नाम मैंने लिस्ट में पढ़ लिया था )
वह बोला :- मुंबई तक ?
मैंने कहा :- तुम बहन चोद शराब पीते हो ?
'वह थोड़ा नाक भौं सिकोड़ने लगा तब तक मुमताज़ बोली देखो यार बुरा मत मानना 'बहन चोद' इसका तकिया कलाम है .यह हर बात में बहन चोद बोलती है .
वह बोला :- हां कभी कभी पी लेता हूँ .
मैंने कहा :- ठीक है बैठो और हमारा साथ दो हम तीनो शराब पीने लगे .
मुमताज़ बोली :- तुम भोषडी के मुंबई के क्या करते हो ?
वह फिर थोडा नाराज़ हुआ तो मैंने कहा अरे 'भोषडी के' इसका तकिया कलाम है .
वह मुस्कराने लगा . दूसरा पैग जैसे शुरू हुआ मुमताज़ ने अपनी चूंची खोल कर बाहर कर दी . आसिक उसकी चूंची देखने लगा .
मुमताज़ बोली :- ऐसे क्या पकड़ कर देखो न भोषडी के ?
उसने चूंची पकड़ा ही दी उसे . फिर उसके लण्ड पर हाथ मार कर कहा :- अब दिखाओ न अपने इस भोषडी वाले लण्ड को ? मुमताज़ के मुह से लण्ड सुनकर वह जोश में आ गया .
फिर मैंने भी कहा :- अब खोल दो बहन चोद लण्ड को ? वो हम लोगों की चीज है . तुम्हारे लिए चूत है ये देखो न ? मैंने अपनी साडी खसका कर अपनी झांटे उसे दिखा दी . वह और जोश में आ गया . तब तक मुमताज़ ने उसकी पैंट खोल डाली ? लण्ड बाहर आते ही उसने भी अपना पेटीकोट नीचे गिरा दिया ?
मुमताज़ बोली :- हां लो अब देखो मेरा भोषडा ? मैं तुमको भी दिखा रही हूँ और तेरे लण्ड को दिखा रही हूँ अपना भोषडा ?
तब तक मैंने भी अपना भोषडा खोल डाला ?
मैंने कहा :- आसिक लो इसे भी देखो . ये भोषडा भी तेरे लिए है . तेरे लण्ड के लिए है .
फिर क्या हम दोनों ने रात भर चुदवाया चलती हुई ट्रेन में ?
मुमताज़ बोली :- अरे यार, तुम ठीक कह रही हो हबीबा, मेरा भी भोषडा आजकल बहुत आवारा हो गया है . एक तो साला बहन चोद नंगा नंगा घूमता रहता है ? इसे कोई शर्म ही नहीं है ? जब भी कोई मर्द इसे दिखाई पड़ जाता है तो फ़ौरन उसके आगे नंगा हो जाता है और उसके लण्ड पर अपनी नज़रें गड़ा देता है ? जब तक लण्ड अपने अन्दर घुसेड नहीं लेता तब तक चैन नहीं लेता ? और पीने की कौन कहे ? मेरा भोषडा तो शराब के साथ साथ सिगरट भी पीने लगा है ? इसे तो दो पैग शराब के साथ २ / ३ सिगरट भी देनी पड़ती है मुझे ?
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मेरा भोषड़ा |
हबीबा :- अरे तेरा भोषडा सिगरट कबसे पीने लगा यार ?
मुमताज़ :- जब से वह बैंकाक / पटाया घूम कर आया है तब से . वहीँ इसने सिगरट पीना सीख लिया . वहां लड़कियों की चूत खुले आम सिगरट पीती है ? स्टेज पर कई नंगी लड़कियां अपनी अपनी चूत को सिगरट पिलाती हुई दिखाई पड़ती है . वहां तो खुले आम स्टेज पर दर्ज़नों लड़कियां एक साथ नंगी नंगी नाचती रहती है . किसी की चूत सिगरट पीती है, किसी की चूत बन्दूक की गोली चलाती है और किसी की चूत ३/४ अंडे अपने अन्दर घुसेड लेती है और फिर एक एक करके बाहर निकालती है . मेरा भोषडा कुछ और नहीं सीख सका लेकिन सिगरट पीना जरुर सीख लिया ?
हबीबा :- आज सुबह से कितने लण्ड खा चुका है तेरा भोषडा ?
मुमताज़ :- दो तो खा कर बैठा हुआ है . दो रात में खायेगा ? और तेरा भोषडा ,,,,,,,,,,,,,,,,?
हबीबा :- मेरा भी सुबह से दो लण्ड खा चुका है . अब रात में दो लण्ड खाने की तैयारी में है .
मुमताज़ :- तो एक काम करो न यार इन दोनों भोषडों को एक साथ बैठा कर खिलाओ न लण्ड ? यार हम तुम एक साथ अपना अपना भोषडा चुदवायें तो कितना मज़ा आये ?
हबीबा :- हां यार आईडिया तो बहुत अच्छा है ? हम तुम एक ही कमरे में अपना अपना भोषडा चुदवायें और एक दूसरे का भोषडा चोदें भी ? मैं तेरे भोषडा में लण्ड पेलूँ और तुम मेरे भोषडा में लण्ड पेलो फिर देखो कितना मज़ा आता है ?
मुमताज़ :- और लण्ड अदल बदल कर पेलें ? जिस लण्ड से मैं चुदवाऊ उसी लण्ड से तुम चुदवाओ और जिस लण्ड से तुम चुदवाओ उसी लण्ड से मैं चुदवाऊ ? तब मिलेगा जवानी का असली मज़ा ?
दोस्तों मैं हबीबा हूँ ३६ साल की एक मस्तानी औरत जिसने अभी तक न शादी की है और न आगे करेगी ? मैं २२ की उम्र से अपनी बुर चुदवा रही हूँ . अब तक सैकड़ों लण्ड मेरी बुर में घुस चुके है . मैं लण्ड की दीवानी हो चुकी हूँ . मेरा भोषडा मुझसे ज्यादा लण्ड का दीवाना है . मुझे लण्ड चाटने चूसने और लण्ड पीने का शौक है . यही शौक मेरे भोषडा को भी है . मैं जो लण्ड मुह में लेती हूँ वही लण्ड अपने भोषडा के मुह में घुसेड देती हूँ . अगर न घुसेडू तो भोषडा साला बुरा मान जाता है . मैं लड़कों से भी चुदवाती हूँ और मर्दों से भी . एक साथ दो दो / तीन तीन लण्ड से चुदाने का खूब मज़ा लेती हूँ .
यही हाल मेरी दोस्त मुमताज़ का भी है . उसने भी शादी नहीं की है और न करेगी ? वह मेरे टक्कर की ही लण्ड की शौक़ीन है . उसे जहाँ कोई लण्ड दिखाई पड़ता है तो वह फ़ौरन हाथ बढाकर पकड़ लेती है . एक बार हम दोनों ट्रेन से सफ़र कर रही थी दिल्ली से मुंबई . ये सी फर्स्ट क्लास में . उसमें एक लड़का आ गया . वह ३० साल के लगभग होगा . जब ट्रेन चल पड़ी . टी टी आकर चला गया तो मैंने दरवाजा बंद कर दिया . तीसरी बर्थ खाली ही थी . मुमताज़ ने मुझे आँख मारा उसका मतलब था की मैं आज इसका लण्ड जरुर पकडूँगी ?
मैंने कहा :- आसिक तुम कहाँ तक चलोगे ( नाम मैंने लिस्ट में पढ़ लिया था )
वह बोला :- मुंबई तक ?
मैंने कहा :- तुम बहन चोद शराब पीते हो ?
'वह थोड़ा नाक भौं सिकोड़ने लगा तब तक मुमताज़ बोली देखो यार बुरा मत मानना 'बहन चोद' इसका तकिया कलाम है .यह हर बात में बहन चोद बोलती है .
वह बोला :- हां कभी कभी पी लेता हूँ .
मैंने कहा :- ठीक है बैठो और हमारा साथ दो हम तीनो शराब पीने लगे .
मुमताज़ बोली :- तुम भोषडी के मुंबई के क्या करते हो ?
वह फिर थोडा नाराज़ हुआ तो मैंने कहा अरे 'भोषडी के' इसका तकिया कलाम है .
वह मुस्कराने लगा . दूसरा पैग जैसे शुरू हुआ मुमताज़ ने अपनी चूंची खोल कर बाहर कर दी . आसिक उसकी चूंची देखने लगा .
मुमताज़ बोली :- ऐसे क्या पकड़ कर देखो न भोषडी के ?
उसने चूंची पकड़ा ही दी उसे . फिर उसके लण्ड पर हाथ मार कर कहा :- अब दिखाओ न अपने इस भोषडी वाले लण्ड को ? मुमताज़ के मुह से लण्ड सुनकर वह जोश में आ गया .
फिर मैंने भी कहा :- अब खोल दो बहन चोद लण्ड को ? वो हम लोगों की चीज है . तुम्हारे लिए चूत है ये देखो न ? मैंने अपनी साडी खसका कर अपनी झांटे उसे दिखा दी . वह और जोश में आ गया . तब तक मुमताज़ ने उसकी पैंट खोल डाली ? लण्ड बाहर आते ही उसने भी अपना पेटीकोट नीचे गिरा दिया ?
मुमताज़ बोली :- हां लो अब देखो मेरा भोषडा ? मैं तुमको भी दिखा रही हूँ और तेरे लण्ड को दिखा रही हूँ अपना भोषडा ?
तब तक मैंने भी अपना भोषडा खोल डाला ?
मैंने कहा :- आसिक लो इसे भी देखो . ये भोषडा भी तेरे लिए है . तेरे लण्ड के लिए है .
फिर क्या हम दोनों ने रात भर चुदवाया चलती हुई ट्रेन में ?
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