Saturday, June 1, 2013

तेरा भोषड़ा चोदूंगी मैं

मैं पढ़ लिख कर जब विदेश से वापस अपने घर आयी तो कुछ दिन बाद ही मुझे एक अच्छी सी नौकरी मिल गयी . मैं उसे ज्वाइन कर लिया . मैं दिल्ली में रहने लगी . ज़िदगी का धीरे धीरे एक अलग तरह का मज़ा मिलने लगा . पहले मैं स्टूडेंट थी तो उसका मज़ा दूसरा था और अब जब मैं एक कंपनी में काम करने लगी तो इसका मज़ा दूसरा ही होने लगा . दो साल बाद मेरा  ट्रांसफर मुंबई हो गया . मैं मुंबई चली गयी . इत्तिफाक से वहाँ मेरी मौसी रहती है तो मैं भी उसी के साथ रहने लगी . बल्कि मौसी ने कहा काजल तुम मेरे साथ ही रहना . देखो मैंने शादी तो की नहीं है . मैं अकेली हूँ तुम साथ रहोगी तो कंपनी हो जाएगी और ज़िन्दगी को नया आनंद मिलने लगेगा . मैं मान गयी और मौसी के साथ रहने लगी .
मेरा नाम काजल है मैं इस समय ३१ साल की हूँ . मस्त गदराया हुआ बदन  है मेरा ? मैं  एक बंगाली लड़की हूँ और आप तो जानते ही बगालिनों की चूंचियाँ बड़ी बड़ी होती है . मेरी भी है .
बड़े बड़े चूतड़ और पतली कमर मेरी खूबसूरती बढाते है . बड़ी बड़ी कजरारी आँखे लम्बे बाल और गुन्दाज़ बाहें किसी को भी अपनी ओर खींच लेती है .मैं अभी से आपको बता दूं की मैंने कॉलेज के दिनों में लड़कों के लण्ड खूब एन्जॉय किया है . मुझे लण्ड पकड़ने का शौक तभी से हो गया था जबकि मैं १५ साल की थी . कॉलेज आते आते तो मैं एक्सपर्ट हो गयी थी लण्ड पकड़ने में ? मेरी एक ट्रिक थी . मुझे जिस लड़के का लण्ड पकड़ना होता था मैं उसे एक कोने में ले जाकर उसके पैन्ट के ऊपर से उसका लण्ड दबाकर कहती थी यार किसी दिन अपना लण्ड मुझे दिखाओ न प्लीज . बस उस दिन से वह लड़का खुद ही मुझे लण्ड पकडाने का इंतजाम करने लगता था . इस तरह मैंने कई लड़कों के लण्ड पकडे,  लण्ड चूसे चाटे और कई लड़कों से चुदवाया भी .
मेरे साथ दो लड़कियां और शामिल हो गयी . बस फिर क्या हम तीनो मिल कर लण्ड ही लण्ड पकड़ने का खेल खेलने लगी . हम तीनो लण्ड पकड़ती भी थी और पकडाती भी थी . एक दूसरे के सामने चुदवाती थी . बड़े मस्ती भरे दिन थे वो ? मैं आज जब याद करती हूँ तो मेरी झांटे खड़ी हो जाती है क्योंकि बदन पे रोंगटे तो  है नहीं ? और झांटे रोज़ मैं बनाती नहीं हूँ .
मेरी मौसी का नाम है शिल्पा . वह मुझसे केवल ५ साल ही बड़ी है . बड़ी सुन्दर है ? उसकी चूंची मेरी चूंची से थोडा बड़ी है . उसकी गांड बड़ी सेक्सी है .  गोल गोल गाल है . और उसकी मुस्कान बड़ी मनमोहक है . वह जब किसी को इशारा करती है तो लगता है की जैसे वह कह रही है की आओ और मेरी चूंची दबावो . आओ और मुझे अपना लण्ड पकडाओ ? लोग उसकी तरफ खिंचे चले आते है .
 हम दोनों खूब मस्ती भरे दिन गुजारने लगी .
एक दिन मौसी बोली :- काजल यार, बहन चोद तेरे कोई बॉय फ्रेंड है ?
मैंने जबाब दिया :- हां है तो ? क्या तुम उनसे मिलना चाहती हो ?
वह बोली :- हां मिलना क्या मैं उन्हें नंगे देखना चाहती हूँ . मुझे मर्दों को नंगा देखने का बड़ा शौक है ?
मैं बोली :- अरे मौसी ये शौक तो मेरा भी है . पर मौसी तुम्हारे तो कई बॉय फ्रेंड्स होंगे ?
 वह बोली :- हां है तो पर मैं उन सबको नंगा देख चुकी हूँ   अब कोई नया मर्द नंगा देखना चाहती  हूँ .
मैं उसकी बात का मतलब समझ गयी .
मैंने कहा :- मौसी इसका मतलब तुम कई मर्दों के लण्ड देख चुकी हो ?
वह बोली :- हां लण्ड ही तो देखना चाहती हूँ ? वह भी पकड़ कर ? तभी तो मज़ा आएगा ?
 मैंने कहा :- मुझे तो मौसी केवल पकड़ने में मज़ा नहीं आता . मुझे तो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मज़ा आता है ?
वह बोली :- हाय दईया, तो तुमको चुदवाने में मज़ा आता है ? क्या तुम चुदवाने लगी हो ?
मैंने कहा :- अब मौसी तुम ही बताओ जब खड़ा लण्ड हाथ में होगा तो वह बुर में घुसेगा की नहीं ?
तब मौसी खुल कर बोली :- अरी मेरी बुर चोदी काजल मैं तुम्हे सच सच बता रही हूँ की मेरा भोषडा बहन चोद बड़ा आवारा हो गया है . बिना लौड़े के रात को सोता ही नहीं है . इसे हर रोज़ लण्ड पेलवाने की आदत पड़ गयी है और मुझे भी भोषडा चुदाने में बहुत मज़ा आने लगा है  मेरा मज़ा दूना हो जाता है जब नये नये मर्द मुझे चोदते है ? मैं लगभग  एक दर्जन लोगों से अदल बदल कर  चुदवाती हूँ . पर मैं और नये नये लण्ड का स्वाद लेना चाहती हूँ . और नये नये बेहतर लण्ड अपने भोषडा में घुसेड़ना चाहती हूँ .
 मैंने कहा :- हां यार मैं भी यही चाहती हूँ . चुदवाती तो मैं भी हूँ कई मर्दों से ?
मौसी बोली :- हाय मेरी रानी माँ की लौड़ी तब तो काम बन गया न ? तुम जिनसे चुदवाती हो उनसे कहो की वे मेरा भोषडा चोदें और मैं जिनसे चुदवाती हूँ वे सब तेरा भोषडा चोदेंगे ? तब सोचों कितना मज़ा आएगा ?
 मैंने कहा :- यार, तुम तो बड़ी चालाक हो चुदाने में मेरी बुर चोदी मौसी ? कल मैं तेरा भोषडा चोदूंगी
वह बोली :- मैं भी चोदूंगी तेरा भोषडा और  भोषडा में घुसाऊंगी लण्ड ?
अब मेरी मौसी मुझसे बातों से ,  दिमाग से और दिल से खुल गयी . मैं भी उसके साथ बराबर खुल गयी . लेकिन अभी न मैंने उसे नंगी देखा और न उसने मुझे . मेरा मन हो रहा था की मैं भी उसे नंगी देखूं और वह भी मुझे नंगी देखे . भोषडा भी भोषडा देखे ? चूंची भी चूंची देखें और गांड भी गांड देखे ?
मैं ये सब बातें अपने मन में सोच ही रही की मेरे सामने मौसी जब लौट कर आयी तो उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था . मैं तो उसे नंगी देख कर हैरान हो गयी .
 वह बोली :- काजल तू हैरान क्यों है ? मैं चाहती हूँ की तुम जिस भोषडा को चोदोगी उसे देख तो लो ?
 मैं हंसने लगी . मुझे मज़ा आ गया . मेरी चूत बहन चोद गीली हो गयी .
 मैंने कहा :- अरी मौसी अब तो मुझे भी नंगी होना पड़ेगा ? अब मैं भी वह भोषडा दिखाऊँगी जिसे तुम चोदोगी ? मैंने भी एक एक करके सारे कपडे खोल डाले और एकदम नंगी होकर उसके सामने खड़ी हो गयी .मेरी  चूंचियाँ उसकी चूंचियों से टकराने लगी . उसने मेरे भोषडा पर हाथ फेरा और मैंने उसके भोषडा पर ?
मेरे मुह से निकला :- मौसी अब जल्दी से कोई लौड़ा लाओ ? अब मैं बिना लण्ड के कपडे पहन नहीं सकती  ? अब मेरा भोषडा खुल चुका है अब तो यह बिना लण्ड घुसाए मानेगा नहीं ?
मौसी बोली :- हाय दईया तुम तो मुझसे ज्यादा चुदक्कड लगती  हो ? अब इस समय मैं तेरे लिये किसका लौड़ा लाऊँ ? कहाँ से लौड़ा लाऊँ ?
अचानक पीछे से एक आवाज़ आयी :- मेरा लौड़ा है न भाभी ? मेरा लौड़ा इस समय बिलकुल खाली है ? और ये खड़ा भी है ? इसे तो मन की मुराद मिल गयी है भाभी
मैंने पीछे मुड कर देखा तो एक लड़का खड़ा हुआ दिखायी पडा .
मौसी बोली :- अरे शेखर तुम ? तुम तो अपने गाँव गए थे ? इतनी जल्दी कैसे आ गए ?
वह बोला :- भाभी मुझे काम पर फ़ौरन बुलाया गया है इसलिए मैं आ गया हूँ . मैं ऊपर जा रहा था तो मैंने आप दोनों की बातें सुन ली . सुनते ही मेरा लण्ड खडा हो गया ? मैंने जब आपके साथ किसी और लड़की को नंगी  देखा तो मेरा लण्ड आपे से बाहर हो गया . तुम तो मेरे लण्ड के बारे में सब कुछ जानती हो भाभी पर आज मैं तुम्हारे साथ वाली लड़की का मज़ा पूरा पूरा लेना कहता हूँ . कितनी मस्त दिख रही है वह ? और कितनी मस्त दिख रही है उसकी बुर भाभी ? 
मौसी बोली :-  शेखर  मेरा किरायेदार है . वह अकेला है . शादी नहीं की है . एक दिन मैंने ही उसका लण्ड देख लिया था . लण्ड मुझसे पसंद आया तो मैंने हाथ बढाकर पकड़ लिया  बस उस दिन से लगातार पकड़ रही हूँ इसका लौड़ा और चुदवा रही हूँ अपना भोषडा ?
 उसने शेखर से कहा :- देखो ये काजल मेरी बहन की बेटी है पर यहाँ मेरी दोस्त है . यह मेरे साथ ही रहती है . ऐसा कह कर मौसी ने उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसे नंगा करके उसका लौड़ा हिला हिला कर खड़ा कर दिया ? फिर वह बोली लो काजल पकड़ो इस बहन चोद को ? मैं तो इस लण्ड से कई बार चुदवा चुकी हूँ . आज तुम मेरे सामने इससे चुदवाओ ? मैं देखूँगी की तुम किस तरह चुदवाती हो अपना भोषडा . जैसे ही उसका लण्ड मेरे हाथ में आया मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा ? मैं लण्ड से खेलने लगी . उसे पुचकारने लगी चूमने लगी चूसने लगी . उसका सुपाड़ा चारों तरफ से चाटने लगी . शेखर मस्त होता जा रहा था .
 मैंने पूंछा :- शेखर भोषडी के, ये बताओ की तुम मेरी मौसी को भाभी क्यों कहते हो ?  उसने शादी तो की नहीं ? वह बोला :- देखो मेरी माँ की लौड़ी काजल, इसे मैं मेम कह नहीं सकता, मैडम मैं कहना नहीं चाहता ? मालकिन कहना ठीक नहीं है, ये इतनी जवान है की आंटी लगती नहीं है ? बहन कहूँगा तो फिर चोदूंगा कैसे ? इसे देख कर तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है इसलिए मैं इसे भाभी कहता हूँ . भाभी  कहते ही मेरे लौड़े में सनसनी होने लगती है . इसे भी देवर का लण्ड लेने में कोई संकोच नहीं होता ? बस ये हो गयी मेरी बुर चोदी भाभी ?
मैंने कहा :- अबे माँ के लौड़े, बहन जी क्यों नहीं कहता ?
 वह बोला :- देखो काजल,  बहन चोदी नहीं जाती, चुदवाई जाती है . इसलिए मैं किसी को बहन नहीं बनाता ?
मैंने कहा :- अच्छा मेरे मादर चोद मौसी के देवर अब तू तो मेरा अंकल है न गांडू साले कहीं के ? तेरी माँ की चूत साले ? तेरी माँ का भोषडा अब तू लौड़ा घुसेड दे मेरी चूत में ? और चोदना शुरू कर ? गांड से जोर लगा के चोदना नहीं तो मैं मारूंगी तेरी गांड ?
मेरी गालियाँ सुनकर उसका लौड़ा मेरी चूत को ललकारने लगा . मैं भी जोश में आ गयी और पेल लिया लण्ड ? वह चोदने लगा दनादन्न उसकी बुर ? मौसी उसके पेल्हड़ सहलाने लगी . उसने बड़े प्यार से मुझे चुदवाते हुए देखा . लण्ड जब भी फिशल कर बुर के बाहर आ जाता था तो मौसी उसे फिर अन्दर घुसा देती थी . मैं चुदाने में मस्त होती जा रही थी . मौसी मुझे बड़े ध्यान से देख रही थी .
लण्ड जब झड़ने को आया तो मैं फ़ौरन घूम गयी और मारने लगी मुठ्ठ मैं लण्ड से कहने लगी तू बहन चोद बड़ा हरामी है . मेरी बुर चोदने के बाद अब पिचकारी मारना चाहता है भोषडी के ? मैं अब निकालूंगी तेरा मक्खन ? तेरी माँ चोदूंगी साले ? गांडू साले झान्टू लण्ड तू मुझे बड़ा प्यारा लगता है . मैं तुझे कच्चा खा जाऊंगी ? मैं अनाप सनाप बोले जा रही थी लण्ड को गालियाँ दे रही थी . इतने में लण्ड से दनादन्न निकली २/३ पिचकारी और सीधे मेरे मुह में गयी . तब तक मौसी ने भी अपना मुह खोल दिया . दो पिचकारी उसके मुह में चली गयी . फिर हम दोनों ने मिलकर खूब चाटा लण्ड ?
उस दिन जब मैं शाम को घर आयी तो देखा की मौसी किसी आदमी के साथ बैठी हुई बात कर रही है . मेरे घुसते ही वह बोली  अरे काजल आओ मैं तेरा ही इंतज़ार कर रही थी . इससे मिलो ये है मिस्टर जाकिर हुसैन लेकिन लोग इसे जाकिर ही कहते  है . मेरा बॉय फ्रेंड है और बड़ा हंसमुख स्वाभाव का है . फिर वो बोली जाकिर यह है मेरी भतीजी मिस काजल बड़ी मस्त और चंचल स्वाभाव की है . खूबसूरती तो तुम देख ही रहे हो  इसकी .मैं इसी के बारे में बता रही थी . थोड़ी देर में मैं भी कपडे बदल कर बैठ  गयी .हम तीनो शराब पीने में जुट गयी .
मौसी ने कहा  :- काजल आज रात भर तुम जाकिर के साथ रहोगी . आज चोदी जाएगी तेरी बुर चोदी बुर ? जाकिर तुम्हे वैसे ही चोदेगा जैसे वो मुझे चोदता है .
मैं उसकी तरफ देख कर मुस्करा पड़ी और बोली :-  मौसी मैं तो चाहती हूँ की वह तुमसे अच्छा मुझे चोदे ?
 हम तीनो हंस पड़े  एक पैग ख़तम होते होते  किसी ने दरवाजा खटखटाया . मैंने खोल तो सामने मिस्टर जैकब खड़ा था . मैंने उसे अन्दर बैठाया और सबसे मिल वाया .
मैंने कहा :- मौसी ये है जैकब  मेरा बॉय फ्रेंड .
वह इतना हैंडसम है की मौसी की लार टपकने लगी उसे देख कर .
मैं बोलती गयी . मौसी जैकब मुझे जब कब चोदता रहता है . मैंने एक दिन उससे कहा यार तुम मेरी मौसी का भोषडा चोदोगे ? तो वह तैयार हो गया .इसलिए आज उसे बुला लिया ?
जैकब बोला  :- यार काजल मैंने सोचा था की तेरी मौसी कोई ४८ / ५० साल की महिला होंगी पर ये तो मस्त जवान है . मेरी तो लाटरी खुल गयी यार ?
मैंने कहा :- यार जैकब तेरी लाटरी नहीं तेरे लण्ड की लाटरी खुल गयी है .  इसका भोषडा मेरे भोषडा की तरह जवान है ? चोदोगे तो मज़ा आ जायेगा ?
मौसी,  मैं इसके लण्ड की दीवानी हूँ . मेरी सहेलियां भी इससे चुदवाती है ? आज तो तेरे भोषडा की खैर नहीं है . मौसी ने देर नहीं लगायी और झट उसके पास आकर बैठ गयी और उसका लौड़ा टटोलने लगी . मैं भी जाकिर का लौड़ा खोलने  लगी . दोनों लण्ड जब बाहर निकल आये तो हम दोनों का भोषडा बहन चोद गरम हो गया  . दोनों लण्ड एक दूसरे को टक्कर दे रहे थे . मेरे हाथ में पहली बार एक मुस्लिम लण्ड था और मौसी के हाथ के पहली बार एक क्रिश्चियन लण्ड ? उस रात मैंने मौसी के बॉय फ्रेंड से चुदवाया और मौसी ने मेरे बॉय फ्रेंड से ? दोनों एक ही कमरे में एक दूसरे के सामने ? अब यह सिलसिला चलता रहा .
आज भी मेरी मौसी अपने दोस्तों से मेरा भोषडा चुदवाती है और मैं  
अपने दोस्तों से मौसी का भोषडा चुदवाती हूँ .

=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त 
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