अब मैं उसके ऊपर आ गया। मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी गाण्ड के छेद पर रख दिया और फिर उसकी कमर के नीचे से हाथ डाल कर उसकी कमर को जोर से पकड़ लिया। मैंने थोड़ा सा जोर लगाया तो उसके मुँह से आह निकल गई। मैंने थोड़ा जोर और लगाया उसके मुँह से हल्की सी चीख निकाल गई। मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में 3" तक घुस चुका था। मैंने थोड़ा सा जोर और लगाया तो वो फिर से चिल्लाने लगी और मेरा लण्ड 4" तक घुस गया। मैंने उसकी चीख पर जरा सा भी ध्यान नहीं दिया।
मैंने जोर का धक्का मारा तो वो तड़पने लगी और जोर जोर से चीखने लगी- दीदी, बचा लो मुझे, मैं मर जाऊंगी।
इस धक्के के साथ मेरा लण्ड 5" तक घुस गया। मैंने फिर से बहुत ही जोर का एक धक्का और मारा तो अपने हाथों को जोर जोर से बिस्तर पर पटकने लगी। उसने अपने सिर के बाल नोचने शुरु कर दिये और बहुत ही जोर जोर से चिल्लाने लगी। अब तक मेरा लण्ड शालू की गाण्ड में 6" तक घुस चुका था। मैंने पूरी ताकत के साथ फिर से जोर का धक्का मारा तो वो बहुत जोर-जोर से रोने लगी। लग रहा था कि जैसे वो मर जायेगी। मैं रुक गया। इस धक्के के साथ मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में 7" घुस चुका था। मैंने अपना लण्ड एक झटके से बाहर खींच लिया। पुक की आवाज के साथ मेरा लण्ड बाहर आ गया।
मैंने देखा कि उसकी गाण्ड का मुँह खुला का खुला हुआ ही रह गया था और ढेर सारा खून मेरे लण्ड पर और उसकी गाण्ड पर लगा हुआ था। मैंने तेल की शीशी उठाई और उसकी गाण्ड के छेद में ढेर सारा तेल डाल दिया। उसके बाद मैंने फिर से अपना लण्ड धीरे धीरे उसकी गाण्ड में घुसा दिया। जब मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में 7" तक घुस गया तो मैंने पूरे ताकत के साथ 2 बहुत ही जोरदार धक्के लगा दिये।
वो जोर जोर से चिल्लाने लगी- दीदी, तुमने मुझे कहां फसा दिया। मैं तो मरी जा रही हूँ और तुम हो कि सुन ही नहीं रही हो, बचा लो मुझे, नहीं तो ये मुझे मार डालेंगे।
मैंने कहा- अब चुप हो जाओ। मेरा पूरा लण्ड अब घुस चुका है।
वो कुछ नहीं बोली केवल सिसक सिसक कर रोती रही।
मैं अपना लण्ड उसकी गाण्ड में ही डाले हुये थोड़ी देर तक रुका रहा। धीरे धीरे वो कुछ हद तक शान्त हो गई।
तभी कमरे के बाहर से ही भाभी ने पूछा- काम हो गया।
मैंने कहा- अभी तो मैंने केवल अपना औजार ही पूरा अन्दर घुसाया है।
वो बोली- ठीक है, अब जल्दी से अपना पानी भी निकाल दो और बाहर आ जाओ।
मैंने धीरे धीरे धक्के लगने शुरु कर दिये तो शालू फिर से चीखने लगी। समय गुजरता गया और वो धीरे धीरे शान्त होती गई। 10 मिनट में वो एक दम शान्त हो गई तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ानी शुरु कर दी। अब उसके मुँह से केवल हल्की हल्की सी आह ही निकाल रही थी। मैंने अपनी स्पीड और तेज कर दी। तेल लगा होने की वजह से मेरा लण्ड उसकी गाण्ड में सटासट अन्दर बाहर हो रहा था। मुझे खूब मज़ा आ रहा था। शालू को भी अब कुछ कुछ मज़ा आने लगा था। मैं भी पूरे जोश में आ चुका था और तेजी के साथ उसकी गाण्ड मार रहा था।
10 मिनट तक मैंने उसकी गाण्ड मारी और फिर झड़ गया। लण्ड का सारा पानी उसकी गाण्ड में निकाल देने के बाद भी मैं उसके गाण्ड में ही अपना लण्ड डाले रखा और उसके ऊपर लेट गया।
मैंने शालू से पूछा- कुछ मज़ा आया?
वो बोली- बहुत दर्द हो रहा है और तुम पूछ रहे हो कि मज़ा आया।
मैंने कहा- मेरी कसम है तुम्हें, सच सच बताओ क्या तुम्हें जरा सा भी मज़ा नहीं आया?
उसने शरमाते हुये कहा- पहले तो बहुत दर्द हो रहा था लेकिन बाद में मुझे थोड़ा थोड़ा सा मज़ा आने लगा था कि तुम रुक गये।
मैंने कहा- अभी थोड़ी देर में मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो जायेगा। उसके बाद मैं फिर से तुम्हारी गाण्ड मारूंगा।
वो बोली- नहीं, अभी रहने दो।
तभी भाभी ने पूछा- क्यों राज, काम हो गया?
मैंने कहा- हां, मैंने अपना पानी इसकी गाण्ड के छेद में निकाल दिया है। अभी थोड़ी ही देर में मैं फिर से अपना पानी निकालने वाला हूँ।
भाभी ने कहा- ठीक है, जब दोबारा पानी निकाल देना तो बाहर आ जाना।
मैंने कहा- ठीक है।
मैंने अपना लण्ड शालू की गाण्ड में ही रखा और उसकी चूचियों को मसलता रहा। 15 मिनट में ही मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने उसकी गाण्ड मारनी शुरु कर दी। अब उसके मुँह से केवल हल्की हल्की सी आह ही निकाल रही थी। थोड़ी ही देर में उसे मज़ा आने लगा तो वो सिसकारियां लेने लगी। मैंने पूछा- अब कैसा लग रहा है।
वो बोली- अब अच्छा लग रहा है।
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी तो थोड़ी ही देर में वो जोर से सिसकारियां भरने लगी। मुझे भी उसकी गाण्ड मरने में खूब मज़ा आ रहा था। 20 मिनट तक मैंने उसकी गाण्ड मारी और फिर झड़ गया। मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड से बाहर निकाला और उसके बगल में लेट गया। मैंने उसके होंठो को चूमते हुये पूछा- कैसा लगा?
वो बोली- इस बार कुछ ज्यादा ही मज़ा आया।
मैंने कहा- धीरे धीरे तुम्हें और ज्यादा मज़ा आने लगेगा।
मैं शालू के पास से उठ कर बाहर चला आया। भाभी बाहर बैठी थी। उन्होने मुझसे पूछा- काम हो गया?
मैंने कहा- हां।
वो बोली- मैं गरम पानी से उसकी चूत की सिकाई कर देती हूँ। इससे उसका दर्द कम हो जायेगा।
मैं चुप रह गया क्योंकि मैंने तो शालू की चूत को अभी तक छुआ ही नहीं था। मैंने तो उसकी गाण्ड मारी थी।
फिर मैं कुछ मिनट बाद शालू के पास चला आया। भाभी पानी गरम कर के ले आई, वो बोली- मैं पानी गरम कर के लाई हूँ, अन्दर आ जाऊं।
मैंने कहा- आ जाओ।
शालू बोली- मैं एकदम नंगी हूँ और तुम दीदी को यहां बुला रहे हो।
मैंने कहा- तो क्या हुआ।
वो कुछ नहीं बोली। भाभी अन्दर आ गई। उन्होंने शालू से कहा- लाओ मैं तुम्हारे छेद की सिकाई कर दूं। इससे तुम्हारा दर्द कम हो जायेगा।
शालू ने करवट बदल ली तो भाभी ने कहा- तुमने करवट क्यों बदल ली। अब मैं कैसे तुम्हारी चूत के छेद की सिकाई करूंगी?
उसने अपनी गाण्ड के छेद की तरफ़ इशारा करते हुये कहा- इसी में तो इन्होंने अपना औजार घुसाया था। भाभी के मुँह से निकला- क्या?
भाभी की नज़र शालू की गाण्ड पर पड़ी। उसकी गाण्ड खून से लथपथ थी। मैंने अभी तक अपना लण्ड साफ़ नहीं किया था। मेरा लण्ड भी खून से भीगा हुआ था। भाभी आंखें फ़ाड़े कभी मेरे लण्ड को और कभी शालू की गाण्ड को और कभी मेरे चेहरे को देखने लगी।
भाभी ने गरम पानी से शालू की गाण्ड की सिकाई की। उसके बाद उन्होंने मुस्कुराते हुये शालू से कहा- शालू तुमने तो एक मैदान मार लिया है। अब दूसरा मैदान मारना और बाकी है।
वो बोली- दीदी, मैं समझी नहीं?
भाभी ने शालू की चूत पर हाथ लगाते हुये कहा- अभी तो तुम्हें इस छेद में भी इसका औजार अन्दर लेना है।
शालू को बहुत दर्द हो रहा था। भाभी की बात सुनकर वो गुस्से में आ गई। उसने अपनी चूत की तरफ़ इशारा करते हुये कहा- एक छेद के अन्दर इनका औजार लेने में ही मेरा इतना बुरा हाल हो गया और आप कह रही हो कि अभी इस दूसरे छेद में भी अन्दर लेना है। मैं अब किसी छेद में इनका औजार अन्दर नहीं लूंगी। मुझे बहुत दर्द होता है। आप खुद ही इनका औजार अपने छेद में ले लो।
भाभी ने मुस्कुराते हुये कहा- मेरे अन्दर लेने से क्या होगा। आखिर तुम्हें भी तो इसका औजार अपने इस छेद में अन्दर लेना ही पड़ेगा। जैसे एक बार तुमने दर्द को बर्दाश्त कर लिया है उसी तरह से एक बार और दर्द को बर्दाश्त कर लेना।
शालू ने भाभी की चूत की तरफ़ इशारा करते हुये कहा- पहले तुम इनका औजार अपने इस छेद में अन्दर ले कर दिखाओ। उसके बाद ही मैं इनका औजार अपने इस छेद में अन्दर लूंगी।
भाभी मुझे देखने लगी और मैं उनको।
शालू बोली- क्यों अब क्या हुआ? आप मुझे फंसा रही थी लेकिन मैंने आपको ही फंसा दिया। दिखाओ इसका औजार अपने छेद के अन्दर लेकर।
भाभी ने कहा- अच्छा बाबा, अभी दिखा देती हूँ लेकिन उसके बाद तो तुम मना नहीं करोगी।
वो बोली- पहले आप दिखाओ उसके बाद मैं इनका औजार अन्दर ले लूंगी भले ही मुझे कितनी भी तकलीफ़ क्यों ना हो।
भाभी ने मुझसे कहा- देवर जी, शालू ऐसे नहीं मानेगी। अब तुम अपना औजार मेरे अन्दर डाल ही दो।
मैंने कहा- शालू के सामने?
शालू बोली- तो क्या हुआ?
भाभी बोली- जब यह मुझे तुम्हारा औजार अन्दर लेते हुये देखेगी तब ही तो यह तुम्हारा औजार अन्दर लेगी।
भाभी ने अपने कपड़े उतार दिये और शालू के बगल में लेट गई। मैं भाभी के पैरों के बीच आ गया तो भाभी ने शालू से कहा- अब तुम बैठ जाओ और देखो कि कैसे मैं इसका औजार पूरा का पूरा अन्दर लेती हूँ।
शालू भाभी के बगल में बैठ गई। मैंने भाभी की चूत में अपना लण्ड घुसेड़ना शुरु कर दिया। धीरे धीरे मेरा पूरा का पूरा लण्ड भाभी की चूत में समा गया। शालू आंखें फ़ाड़े देखती रही। उसके बाद मैंने भाभी की चुदाई शुरु कर दी। शालू मेरे लण्ड को भाभी की चूत में सटासट अन्दर-बाहर होते हुये देखती रही। 5 मिनट की चुदाई के बाद भाभी झड़ गई तो शालू ने कहा- दीदी, तुम्हारे छेद में से क्या निकल रहा है?
भाभी ने कहा- यह मेरी चूत का पानी है। अभी यह कई बार निकालेगा। जब यह तुम्हारी चूत में भी अपना लण्ड घुसा कर तेजी से अन्दर-बाहर करेगा तब तुम्हारी चूत में से भी ऐसा ही पानी निकलेगा। चूत से पानी निकलने पर बहुत मज़ा आता है। तुम खुद ही देख लो कि मुझे कितना मज़ा आ रहा है।
मैंने भाभी को लगभग 25 मिनट तक खूब जम कर चोदा। शालू आंखें फ़ाड़े देखती रही। लण्ड का सारा पानी भाभी की चूत में निकाल देने के बाद मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया तो शालू बोली- तुम्हारे लण्ड पर तो जरा सा भी खून नहीं लगा है?
मैंने कहा- खून तो केवल पहली पहली बार घुसाने में ही निकालता है।
वो कुछ नहीं बोली।
भाभी ने शालू से कहा- अब तो तैयार हो इसका लण्ड अपनी चूत में लेने के लिये?
वो बोली- हां, लेकिन दीदी, बहुत दर्द होगा।
भाभी ने कहा- पगली, केवल एक ही बार तो दर्द होगा। उसके बाद तो तू खुद ही इससे बार-बार कहेगी कि अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दो।
वो बोली- भला मैं ऐसा क्यों कहूँगी?
भाभी ने कहा- क्योंकि तुझे इसमें मज़ा जो आयेगा।
मैं भाभी के बगल में लेट गया। शालू मेरे लण्ड को देखती रही। थोड़ी देर बाद वो बोली- इनका लण्ड अब खड़ा क्यों नहीं हो रहा है?
भाभी ने कहा- अभी इसने मुझे चोदा है ना इसीलिये। तू इसके लण्ड को सहलाना शुरु कर दे। थोड़ी ही देर में यह फिर से खड़ा हो जायेगा।
भाभी की चुदाई देख कर शालू को भी थोड़ा जोश आ गया था। उसने अपना हाथ धीरे से मेरे लण्ड पर रख दिया। थोड़ी देर तक वो मेरे लण्ड को देखती रही। उसके बाद उसने मेरे लण्ड को सहलाना शुरु कर दिया। 15-20 मिनट के बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा। मैंने देखा कि उसकी आंखें कुछ गुलाबी सी होने लगी।
लण्ड खड़ा होते देख शालू जोश में आ गई और भाभी से बोली- दीदी, अब तो इनका लण्ड खड़ा हो गया।
भाभी बोली- अब तू लेट जा।
इतना कह कर भाभी उठ कर बैठ गई और शालू लेट गई।
भाभी ने मुझसे कहा- तू मेरे साथ जरा बाहर आ।
मैंने भाभी के साथ बाहर आ गया।
भाभी ने कहा- इस बार शालू के ऊपर जरा सा भी रहम मत करना। पूरे ताकत के साथ धक्का लगते हुये पूरा का पूरा लण्ड अन्दर घुसा देना। ज्यादा देर भी मत करना। उसके बाद उसकी किसी दुश्मन की तरह खूब जम कर चुदाई करना। समझ गये?
मैंने कहा- ठीक है, मैं ऐसा ही करुंगा।
भाभी ने कहा- मैंने कभी तेरे भैया से गाण्ड नहीं मरवाई थी, मेरी गाण्ड कब मारेगा?
मैंने कहा- जब तुम कहो।
वो बोली- ठीक है, मैं तुझे बता दूंगी। अब चल मेरे साथ कमरे में।
मैं भाभी के साथ कमरे में आ गया। शालू बेड पर लेटी हुई थी। भाभी ने मुझसे कहा- अब तू अपने लण्ड पर तेल लगा ले और शालू की चुदाई शुरु कर। मैं इसके पास ही बैठ जाती हूँ।
भाभी शालू के बगल में बैठ गई। मैंने अपने लण्ड पर ढेर सारा तेल लगा लिया और शालू के पैरों के बीच आ गया। जैसे ही मैंने अपना लण्ड शालू कि चूत पर रखा तो भाभी ने कहा- ऐसे नहीं, मैं बताती हूँ।
मैंने कहा- बताओ।
भाभी ने कहा- तू अपना हाथ इसके पैरों के नीचे से डाल कर इसके कन्धे को जोर से पकड़ ले। उसके बाद अन्दर घुसा।
मैंने शालू के पैरों के नीचे हाथ डाल कर शालू के कन्धे को जोर से पकड़ लिया।
भाभी ने कहा- अब जैसा मैंने तुझे समझाया था ठीक उसी तरह अन्दर घुसा दे।
मैंने शालू के चूत के मुँह पर अपने लण्ड का सुपाड़ा रख दिया। जैसे ही मैंने धक्का लगाया तो भाभी ने शालू के मुँह को जोर से दबा कर पकड़ लिया। शालू के मुँह से गू गू की आवाज ही निकाल पाई। भाभी मुझसे बोली- घुसा दे जल्दी से पूरा का पूरा।
मैं तो ताकतवर था ही। मैंने अपनी सारी ताकत लगाते हुये फिर से एक धक्का मारा। शालू की चूत से खून की धार निकलने लगी। मेरा लण्ड खून से नहा गया। वो अपने हाथों को जोर जोर से बेड पर पटकने लगी। उसकी सारी की सारी चूड़ियां टूट गई और उसका हाथ लहुलुहान हो गया। मुँह दबा होने की वजह से उसके मुँह से केवल गू गू की आवाज ही निकल पा रही थी। मैंने फिर से एक धक्का लगाया। इस धक्के के साथ ही मेरा लण्ड शालू की चूत में 7" तक घुस गया। शालू तड़प रही थी। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। बेड की चादर पर भी ढेर सारा खून लग गया था।
भाभी बोली- जल्दी कर।
मैंने एक धक्का और मारा तो मेरा लण्ड 8" घुस गया। मैंने गहरी सांस लेते हुये फिर से जोर का धक्का लगाया। इस धक्के के साथ ही मेरा पूरा का पूरा लण्ड शालू की चूत में समा गया।
भाभी बोली- अपना पूरा लण्ड बाहर निकाल कर एक ही झटके में फिर से अन्दर कर दे।
मैंने वैसा ही किया, भाभी ने कहा- शाबास, ठीक इसी तरह से 4-5 बार और कर।
मैंने 4-5 बार फिर से वैसा ही किया।
शालू तड़प रही थी। उसका सारा बदन पसीने से नहा गया थी। उसकी सांस बहुत तेज चल रही थी और सारा बदन थर थर कांप रहा था। मैंने शालू की चुदाई शुरु कर दी। भाभी अभी भी उसका मुँह दबाये हुये थी। उसके मुँह से गू गू की आवाज निकल रही थी। उसकी चूत ने मेरे लण्ड को बुरी तरह से जकड़ रखा था। मेरा लण्ड आसानी से उसकी चूत में अन्दर-बाहर नहीं हो पा रहा था। पूरी ताकत के साथ मैं लगभग 10 मिनट तक उसकी चुदाई करता रहा। शालू अब कुछ हद तक शान्त हो चुकी थी।
भाभी ने अपना हाथ उसके मुँह पर से हटा लिया तो शालू सिसक सिसक कर रोते हुये कहने लगी- दीदी, आप दोनों ने मिलकर मुझे मार ही डाला। बहुत दर्द हो रहा है।
भाभी ने कहा- अब तो पहले जैसा दर्द नहीं है ना?
वो बोली- नहीं, अब पहले से बहुत कम है।
भाभी ने कहा- थोड़ा सबर कर, अभी बाकी का दर्द भी चला जायेगा।
मैं तेजी के साथ उसकी चुदाई कर रहा था। अब वो चीख नहीं रही थी केवल आहें भर रही थी। मैंने उसे 5 मिनट तक और चोदा तो शालू झड़ गई। उसकी चूत और मेरा लण्ड एकदम गीला हो गया। अब मेरा लण्ड थोड़ा आसानी से उसकी चूत में अन्दर बाहर होने लगा था। मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। शालू ने धीरे धीरे सिसकारियां भरनी शुरु कर दी।
भाभी ने पूछा- अब कैसा लग रहा है?
वो बोली- अब कुछ कुछ मज़ा आ रहा है लेकिन दर्द अभी भी है।
भाभी ने कहा- अब इस दर्द को जने में समय लगेगा। उसके बाद बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा।
वो बोली- समय क्यों लगेगा?
भाभी ने कहा- जब यह तुम्हें 3-4 बार चोद देगा तब तुम्हारी चूत इसके लण्ड के आकार की हो जायेगी। उसके बाद यह दर्द अपने आप चला जायेगा।
मैंने और ज्यादा जोर जोर के धक्के लगने शुरु कर दिये थे और उसे तेजी के साथ चोद रहा था। शालू ने भी अब धीरे धीरे अपना चूतड़ उठाना शुरु कर दिया था। वो भी अब मस्ती में आ रही थी। 5 मिनट में ही वो फिर से झड़ गई। उसने मेरे होंठों को चूम लिया और कहा- अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।
मैंने उसकी चुदाई जारी रखी। 2 मिनट भी नहीं गुजरे थे कि भाभी ने कहा- शालू अब तुम इसका लण्ड अपने दूसरे छेद में ले लो।
वो बोली- फिर से दर्द होगा?
भाभी ने कहा- अब ज्यादा दर्द नहीं होगा क्योंकि तुम इसका लण्ड पहले ही अन्दर ले चुकी हो।
वो बोली- फिर इनसे कह दो कि धीरे धीरे करें।
भाभी ने कहा- यह धीरे धीरे ही करेगा। मैं हूँ ना यहाँ पर। अगर यह बदमाशी करेगा तो मैं इसे बहुत मारूँगी।
वो बोली- ठीक है।
मैंने अपना लण्ड शालू की चूत से बाहर निकाला और उसकी गाण्ड में घुसाने लगा। मेरे लण्ड पर शालू की चूत का ढेर सारा पानी लगा हुआ था। धीरे धीरे मेरा लण्ड 7" तक उसकी गाण्ड में घुस गया। उसके बाद जब मैंने और ज्यादा घुसने की कोशिश की तो उसे फिर से दर्द होने लगा और वो चीखने लगी लेकिन इस बार उसने मुझे रोका नहीं।
वो बोली- अब रहने दो, दर्द हो रहा है।
भाभी ने कहा- बस थोड़ा सा ही तो बाकी है। उसे भी अन्दर ले लो।
वो कुछ नहीं बोली। भाभी ने मुझे आंख मारी तो मैंने जोर का धक्का लगा दिया। मेरा बाकी का लण्ड भी उसकी गाण्ड में समा गया। वो जोर से चीखी तो भाभी ने कहा- बस हो गया।
उसके बाद मैंने उसकी गाण्ड मारनी शुरु कर दी। थोड़ी देर चीखने के बाद वो शान्त हो गई। अब उसे गाण्ड मरवाने में भी मज़ा आने लगा था। लगभग 5 मिनट तक मैंने उसकी गाण्ड मारी तो भाभी ने कहा- अब रहने दो।
मैंने कहा- अभी तो मेरे लण्ड का पानी ही नहीं निकाला है।
वो बोली- मैं मना थोड़े हो कर रही हूँ। अब तुम इसकी चूत में अपना लण्ड डाल कर इसे चोदो।
मैंने अपना लण्ड शालू की गाण्ड से निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया। उसके बाद मैंने पूरे ताकत के साथ जोर जोर से उसकी चुदाई शुरु कर दी। 5 मिनट में ही शालू फिर से झड़ गई। मैं इसके पहले 2 बार शालू की गाण्ड मार चुका था और 2 बार भाभी को चोद चुका था। इसलिये मेरे लण्ड का पानी निकालने का नाम ही नहीं ले रहा था। मैं जोर जोर के धक्के लगाते हुये शालू को चोद रहा था। वो भी अपना चूतड़ उठाने लगी थी। थोड़ी देर बाद वो बोली- दीदी, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। इनसे कह दो कि थोड़ा और जोर जोर से धक्का लगाये।
भाभी ने मुझसे कहा- तुमने सुना, यह क्या कह रही है?
मैंने कहा- हां।
वो बोली- तो फिर तुम इसका कहा मानो और अपनी ताकत दिखा दो इसे।
मैंने पूरा ताकत लगते हुये बहुत ही जोर जोर के धक्के लगने शुरु कर दिये।
भाभी ने शालू से पूछा- अब ठीक है?
वो बोली- हां, अब मुझे ज्यादा मज़ा आ रहा है।
शालू अब चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी। मेरा लण्ड उसकी चूत में पूरा का पूरा सटा सट अन्दर बाहर हो रहा था। 10 मिनट कि चुदाई के बाद शालू फिर से झड़ गई। मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया तो उसने मेरे लण्ड को तुरन्त पकड़ लिया और कहने लगी- बाहर क्यों निकाल रहे हो। अभी मुझे और मज़ा लेना है।
मैंने कहा- मैं तुम्हें अभी और मज़ा दूंगा। अब तुम घोड़ी की तरह हो जाओ। वो डोगी स्टाईल में हो गई तो मैं उसके पीछे आ गया। मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड में घुसा दिया और उसकी गाण्ड मारने लगा। वो जोश के मारे सिसकारियां भरने लगी।
5 मिनट तक उसकी गाण्ड मरने के बाद मैं अपना लण्ड उसकी गाण्ड से निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया और उसकी चुदाई करने लगा। मैं उसकी कमर को पकड़ कर उसे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था। वो भी अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुये मेरा साथ देने लगी थी। 10 मिनट उसकी चुदाई करने के बाद मैं झड़ गया। मेरे साथ ही साथ शालू भी फिर से झड़ गई। मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला तो भाभी ने शालू से कहा- अब तुम इसके लण्ड को चाट लो।
वो बोली- मैं इनके लण्ड को नहीं चाटूंगी। इनका लण्ड गंदा है। भाभी ने कहा- गंदा कहां है। इसके लण्ड पर तुम्हारी चूत का और इसके लण्ड का पानी ही तो लगा है। इसे चाटने से प्यार बढता है। चाट लो इसे। वो बोली- मैं नहीं चाटूंगी। मुझे घिन आती है। भाभी ने कहा- मैं ही चाट लेती हूँ। फिर आगे से तुझे ही चाटना पड़ेगा। वो बोली- ठीक है, पहले तुम चाट कर दिखाओ, बाद में मैं चाट लूंगी। भाभी मेरे लण्ड को चाटने लगी। शालू देख रही थी। मेरे लण्ड पर लगा हुआ थोड़ा सा पानी भाभी ने चाट लिया फिर शालू से बोली- अब बाकी का तुम चाट लो। शालू ने शरमाते हुये मेरे लण्ड को चाटना शुरु कर दिया। उसने मेरे लण्ड पर लगे हुये बाकी के पानी को चाट चाट कर साफ़ कर दिया।
भाभी ने शालू से कहा- अब तुम्हे जब ये फिर से चोदेगा तो चिल्लाओगी तो नहीं। वो बोली- अब क्यों चिल्लाऊंगी। अब तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा है। भाभी ने कहा- फिर ठीक है, तुम आराम कर लो। जब तुम्हारा मन करगा तो इसे बुला लेना। मैं इसके साथ अपने कमरे में जा रही हूँ। मुझे इस से कुछ बात करनी है। वो बोली- ठीक है, बुला लूंगी। भाभी बोली- मैं भी इसके साथ आउनगि तुम्हारे पास और अपने सामने ही तुम्हारी चुदाई करा दूंगी।
भाभी बाहर चली गई तो मैं भी उनके पीछे पीछे बाहर चला आया। मैंने भाभी से कहा- तुमने मुझसे शालू एक सामने ही चुदवा लिया। वो क्या सोचेगी। भाभी ने कहा- उसे कुछ भी नहीं मालूम है। अगर उसे कुछ मालूम होता तो भला वो मुझे चुदने को क्यों कहती। चलो अच्छा ही हुआ कि अब मुझे और शालू को एक दूसरे के सामने तुमसे चुदवाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। हमारा रास्ता पूरी तरह से साफ़ हो गया। मैं शालू से भी इस बार में बात कर लूंगी।
मैंने भाभी से पूछा, गाण्ड कब मरवाओगी। वो मुस्कुराते हुये बोली- क्या मेरी गाण्ड भी फ़ाड़नी है। मैंने कहा- हां। वो बोली- कल फ़ाड़ देना। मैंने कहा- थोड़ा सा आज अन्दर ले लो बाकी का कल अन्दर ले लेना। वो बोली- जो तेरा जी कहे कर। अब तो मैं तेरी बीवी बन गई हूँ। मैं भाभी के बगल में लेटा हुआ उनसे बातें करता रहा और उनकी चूत को सहलाता रहा। वो मुझे तरह तरह की स्टाईल में चोदना सिखा रही थी और मेरे लण्ड को भी सहला रही थी। लगभग 1 घनते के बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा। मैंने भाभी से कहा- शालू ने अभी तक मुझे बुलाया ही नहीं। मैं अब तुम्हारी गाण्ड में ही लण्ड घुसाने की कोशिश करता हूँ।
भाभी और हम दोनों अभी तक नंगे ही थे। मैंने भाभी से घोड़ी बन जाने को कहा तो वो घोड़ी बन गई। मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा उनकी गाण्ड के छेद पर रखा तो वो बोली- तेल तो लगा ले। मैंने कहा- नहीं ऐसे ही। वो बोली- फिर तो बहुत दर्द होगा। मैंने कहा- होने दो। तुम कोई 16 साल कि थोड़े ही हो। वो बोली- ठीक है, जैसी तेरी मरजी। मैंने अपना लण्ड उनकी चूत में डाल दिया और उनकी चुदाई शुरु कर दी।
5 मिनट में ही भाभी झड़ गई तो मेरा लण्ड गीला हो गया। अब तेल लगने कि जरूरत नहीं थी। मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा उनकी गाण्ड के छेद पर रखा और थोड़ा सा जोर लगाया। भाभी के मुँह से जोर कि आह निकाली और मेरे लण्ड का सुपाड़ा उनकी गाण्ड में घुस गया। मैंने थोड़ा जोर और लगाया तो वो तड़प उठी और बोली- जरा धीरे से। मैंने फिर से जोर लगाया तो उनके मुँह से चीख निकल गई। मेरा लण्ड भाभी कि गाण्ड में अब तक 4" घुस चुका था। मैंने और ज्यादा अन्दर घुसाने की कोशिश नहीं की। मैंने धीरे धीरे धक्के लगने शुरु कर दिये।
2 मिनट में ही भाभी का दर्द जाता रहा तो वो बोली- थोड़ा और अन्दर कर दे।
मैंने फिर से थोड़ा जोर लगाया तो वो फिर से चीखी और मेरा लण्ड उनकी गाण्ड में 5" तक घुस गया। तभी शालू आ गई। उसने कपड़े नहीं पहने थे। वो एक दम नंगी थी। उसने हम दोनों को देखा तो बोली- दीदी, तुम भी मज़ा ले रही हो। भाभी ने कहा- ये तेरा बड़ी देर से इनतजार कर रहा था लेकिन तूने इसे बुलाया ही नहीं। इसे जोश आ गया और उसने मेरी गाण्ड में अपना लण्ड घुसाना शुरु कर दिया। मैं इसे मना नहीं कर पाई।
वो बोली- मुझे भी फिर से चुदवाना है।
भाभी ने कहा- तो आ जा। शालू ने कहा- लेकिन ये तो आप को चोदने जा रहा है। भाभी ने कहा- मेरा क्या है, मैं तो कभी भी चुदवा लूंगी। पहले तू चुदवा ले। तेरा चुदवाना ज्यादा जरूरी है। मैं तो बहुत मज़ा ले चुकी हूँ।
शालू भाभी के बगल में ही घोड़ी की तरह बन गई। मैंने अपना लण्ड भाभी कि गाण्ड से बाहर निकाल कर शालू की गाण्ड में घुसाना शुरु कर दिया। वो दर्द के मारे आहे भरने लगी। धीरे धीरे मेरा पूरा का पूरा लण्ड शालू कि गाण्ड में घुस गया तो मैंने उसकी गाण्ड मारनी शुरु कर दी। वो बोली- आगे के छेद में घुसा कर चोदो। मुझे उसमें ज्यादा मज़ा आता है। मैंने कहा- थोड़ी देर पीछे के छेद की चुदाई कर लूं फिर आगे के छेद को भी चोदूंगा। वो बोली- ठीक है, जैसी तुम्हारी मरजी। मैं शालू की गाण्ड मारता रहा।
भाभी शालू से कहने लगी, तू तो जानती है कि राज के भैया का स्वर्ग्वास हुये बहुत दिन हो चुके है। मैंने बहुत दिनो से चुदवाया नहीं था और मेरी इच्छा भी मर चुकी थी। लेकिन आज मैंने तेरी खुशी के लिये तेरे कहने पर इस से चुदवा लिया। इस से चुदवाने के बाद मेरी चूत और गाण्ड की आग फिर से भड़क गई है। मैं जानती हूँ कि ये बहुत ही गलत बात है लेकिन मैं अब इस से चुदवये बिना नहीं रह सकति। अगर किसी को ये पता चल गया तो मेरी बड़ी बदनामी होगि। अब तू ही बता कि मैं क्या करूं। मैं तो अब मर जाना चाहती हूँ।
वो बोली- दीदी, तुम ऐसा क्यों कह रही हो। तुम इनसे जी भर कर चुदवाओ और खूब मज़ा लो। मुझे कोई एतराज़ नहीं है। अगर मैं तुम्हे कभी मना करूं तो तुम मुझे ही मार डालना। ये बात किसी को नहीं पता चलेगी।
भाभी ने कहा- फिर तू मेरी कसम खा कर कह दे कि तू कभी भी किसी से नहीं कहेगी। शालू ने अपना हाथ पीछे कर के मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली- मैं तुम्हारी कसम क्यों खांऊ। मैं अपने पति का लण्ड पकड़ कर कसम खाती हूँ कि मैं कभी भी किसी से कुछ भी नहीं कहूँगी। अब तो आप को मेरी बात पर विश्वास हो गया।
भाभी ने कहा- मुझे तुझ पर पूरा विश्वास है। वो बोली- अब इनसे कह दो कि मेरी चूत में अपना लण्ड डाल कर मेरी चुदाई करे। मुझे गाण्ड मरवाने में ज्यादा मज़ा नहीं आता है। भाभी ने मुझसे कहा- सुन रहा है ना तू कि शालू क्या कह रही है। अब इसकि इच्छा पूरी कर।
मैंने अपना लण्ड शालू कि चूत में घुसा दिया और उसकी चुदाई करने लगा। 2 मिनट में ही वो एक दम मस्त हो गई। उसने पूरि मस्ती के साथ मुझसे चुदवाना शुरु कर दिया। वो तेजी के साथ अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुये मेरा साथ दे रही थी। मैं भी पूरे जोश और ताकत के साथ उसे चोदता रहा।
शालू कि चुदाई करते हुये मुझे लगभग 30 मिनट गुजर चुके थे। वो अब तक 3 बार झड़ चुकी थी लेकिन मैं झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। शालू बोली- दीदी, मैं थक गई हूँ। भाभी ने कहा- क्यों, मज़ा नहीं आ रहा है क्या। वो बोली- मज़ा तो बहुत आ रहा है लेकिन अभी मेरी चुदवाने के आदत नहीं है ना। भाभी बोली- फिर मैं क्या करूं। जब राज झड़ जायेगा तब ही तो तुम्हारी चुदाई बंद करेगा। वो बोली- मुझे थोड़ा सा आराम कर लेने दो। मैं बाद में चुदवा लूंगी।
भाभी ने कहा- जब लण्ड खड़ा हो चुदाई नहीं बंद की जाती इस से आदमी के सेहत पर बुरा असर पड़ता है। वो बोली- इन से कह दो कि अब रहने दे। बाद में चोद लेंगे। तब तक तुम ही इनसे चुदवा लो। भाभी ने कहा- अच्छा बाबा, मैं ही चुदवा लेती हूँ।
मैंने अपना लण्ड शालू कि चूत से निकाल कर भाभी कि गाण्ड में घुसाना शुरु कर दिया। मेरा लण्ड शालू कि चूत के पानी से पहले से ही भीगा हुआ था। धीरे धीरे मेरा लण्ड भाभी कि गाण्ड में 5" तक घुस गया। मैंने धक्के लगाने शुरु कर दिये। थोड़ी देर बाद जब मैंने देखा कि भाभी भी मस्ती में आ गई है तो मैंने जोर का धक्का लगा दिया। इस धक्के के साथ ही मेरा लण्ड भाभी कि गाण्ड को चीरता हुआ 7" तक अन्दर घुसा गया।
भाभी के मुँह से जोर की चीख निकाली तो शालू ने कहा- दीदी, तुम क्यों चीख रही हो। तुम तो चुदवाने कि आदी हो। भाभी ने कहा- मैंने आज तक इस से गाण्ड नहीं मरवाई थी। तुम तो जानती ही हो कि इसका लण्ड बहुत लम्बा और मोटा है इसीलिये मुझे भी दर्द हो रहा है और मैं चीख रही हूँ। बस अभी थोड़ी ही देर में मेरा दर्द कम हो जायेगा फिर मुझे भी तेरी तरह खूब मज़ा आने लगेगा।
धीरे धीरे भाभी फिर से मस्ती में आ गई। मैंने पूरे ताकत के साथ फिर से जोर का धक्का मारा। वो फिर से चीखी और मेरा लण्ड 8" तक घुस गया। मैंने फिर एक धक्का मारा तो वो बुरी तरह से चीखने लगी और मेरा पूरा का पूरा लण्ड भाभी की गाण्ड में समा गया। मैंने तेजी के साथ धक्के लगने शुरु कर दिये। थोड़ी ही देर में भाभी शान्त हो गई और उन्हें मज़ा आने लगा। तभी शालू बोली- दीदी, अब मैं तैयार हूँ। इन से कह दो कि अब मुझे चोद दे। भाभी ने कहा- बार बार मुझसे क्यों कहती है। तू खुद ही इस से कह दे। अब मैं इस से कुछ नहीं कहूँगी।
शालू ने मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली- अब तुम मुझे चोद दो।
मैं खुश हो गया। मैंने अपना लण्ड भाभी कि गाण्ड से निकाल कर शालू कि चूत में डाल दिया और उसकी चुदाई शुरु कर दी। उसने भी मेरा साथ देना शुरु कर दिया। 15 मिनट कि चुदाई के बाद मैं झड़ गया। शालू भी मेरे साथ ही साथ झड़ गई। जैसे ही मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाला तो उसने मेरा लण्ड चाटना शुरु कर दिया। मैं बहुत खुश हो गया।
भाभी ने शालू से कहा- अब घिन नहीं आ रही है?
वो बोली- बिलकुल नहीं, अब तो मुझे भी खूब मज़ा आने लगा है। हम सब नंगे ही सो गये।
रात के 7 बजे शालू मेरा लण्ड सहलाने लगी। मैं जग गया तो वो बोली- एक बार फिर से चोद दो। मैंने कहा। क्यों श्रीमती जी, अब चुदवाने में मज़ा आने लगा है। वो बोली- हां, अब तो मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे सारा दिन चोदते रहो। उसने कुछ कहे बिना ही मेरा लण्ड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। तभी भाभी भी उठ गई। भाभी ने मुस्कुराते हुये कहा- शालू, तू इसका लण्ड क्यों चूस रही है। वो बोली- मुझे चुदवाना है। भाभी ने शालू से मज़क किया, पहले तो बहुत चिल्ला रही थी अब क्या हुआ।
वो बोली- पहले मुझे मालूम नहीं था कि इसमें इतना मज़ा आता है। थोड़ी ही देर में मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मैंने शालू कि चुदाई शुरु कर दी। उसने पूरी मस्ती के साथ चुदवाया। मैंने भी उसे पूरे जोश के साथ लगभग 45 मिनट तक चोदा। वो इस बार कि चुदाई के दौरन 4 बार झड़ चुकी थी।
उसके बाद भाभी और शालू खाना बनने चले गये। मैं टीवी देखने लगा। लगभग डेढ घन्टा गुजर गया तो शालू किचन से बाहर आई। उसने मुझसे कुछ कहे बिना ही मेरा लण्ड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैंने पूछा- अब क्या हुआ।
वो बोली- चुदवाना है भई।
मैंने कहा- पहले मुझे खाना खा कर थोड़ा आराम कर लेने दो। बहुत थक गया हूँ।
वो बोली- बाद में खा लेना, पहले तुम मुझे एक बार और चोद दो। मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
तभी भाभी आ गई। उन्होने शालू से कहा- सुबह से ही ये हम दोनों को कई बार चोद चुका है। इसे खाना खा कर थोड़ा आराम कर लेने दे, फिर सारी रात खूब जम कर चुदवाना। वो बोली- दीदी, मुझसे रहा नहीं जा रहा है। मेरा मन अज़ीब सा हो रहा है।
भाभी ने मजाक करते हुये कहा- अगर तू इतना ही तड़प रही है तो चल मेरे साथ किचन में। मैं तेरी चूत में बेलन घुसेड़ देती हूँ।
वो बोली- फिर घुसेड़ दो ना। मैं आप को कुछ भी नहीं कहूँगी। शादी के पहले मैं अच्छी भली थी। शादी के बाद इन्होने मेरी चुदाई कर के मेरी चूत और गाण्ड में आग सी भर दी है। अब आप ही बताओ कि मैं क्या करूं।
भाभी ने कहा- थोड़ा सबर करना सीख। आखिर ये भी तो इन्सान है। थक गया है बेचारा।
वो बोली- एक बार ये मुझे और चोद दे। फिर मैं कभी भी इनसे चुदवाने कि ज़िद नहीं करूंगी। जब भी मुझे जोश आयेगा मैं इनका लण्ड मुँह में लेकर चूस लूंगी। उसके बाद ये मुझे चोदना चाहे तो चोदेंगे। मैंने कहा- ठीक है। आ जाओ मेरे पास।
मैं सोफ़े पर बैठा था। शालू के चूसने से मेरा लण्ड खड़ा हो ही चुका था। मैंने उस से कहा- अब तुम खुद ही मेरे लण्ड को अपनी चूत में घुसेड़ लो और धक्के लगओ।
वो तुरन्त ही मेरी जांघो पर बैठ गई और मेरे लण्ड को अपनी चूत के अन्दर घुसेड़ लिया। उसके बाद उसने धक्के लगने शुरु कर दिये। 5 मिनट में ही वो हांफ़ने लगी और बोली- मुझे इस तरह मज़ा नहीं आ रहा है। जब तुम खूब जोर जोर के धक्के लगते हुये मुझे चोदते हो तब ही मुझे मज़ा आता है। चोद दो ना मुझे।
मैंने कहा- अच्छा बाबा, अब तुम मेरे सामने घोड़ी बन जाओ।
वो तुरन्त ही मेरे सामने घो्ड़ी बन गई। उसकी चूत मेरे तरफ़ थी। मैं थोड़ा गुस्से में था। मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया और उसकी कमर को जोर से पकड़ लिया। उसके बाद मैंने बड़ी बेरहमी के साथ उसकी चुदाई शुरु कर दी। भाभी कभी मुझे और कभी शालू को देख रही थी। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मैं शालू को इतनी बुरी तरह से भी चोद सकता हूँ। शालू भी बहुत सेक्सी निकाली। मैं उसे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था लेकिन उसे तो इस चुदाई में और ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुये पूरी मस्ती के साथ चुदवा रही थी। मैंने उसे लगभग 55 मिनट तक खूब जम कर चोदा। इस बार कि चुदाई एक दौरान शालू 5 बार झड़ गई थी। भाभी और मैं उसे देख कर दंग रह गये। शालू ने मेरे लण्ड को चाट कर साफ़ किया और फिर बाथरूम चली गई।
भाभी ने मुझसे कहा- तुमने उसे उसे इतनी बुरी तरह से चोदा फिर भी उसे मज़ा आ रहा था। वो तो मुझसे भी ज्यादा सेक्सी है।
मैंने कहा- अभी वो नई है इसलिये और उसे ज्यादा जोश आ रहा है। अभी तो उसने ज्यादा बार चुदवाया ही कहां है। केवल कुछ दिन आप मुझसे मत चुदवओ। मुझे केवल शालू की चुदाई करने दो। मैं उसे इतनी ज्यादा बार और इतनी बुरी तरह से चोदूंगा कि उसकी चूत और गाण्ड की आग ठण्डी हो जायेगी। वो मुझसे रो रो कर कहेगी कि मुझे अब मत चोदो। भाभी ने कहा- ठीक है।
तभी शालू बाथरूम से वापस आ गई और बोली- देवर भाभी क्या बातें कर रहे हो। भाभी ने शालू से कहा- मैं इस से समझा रही थी कि ये कुछ दिनो तक मेरी चुदाई ना करे। केवल खूब जम कर तुम्हारी चुदाई ही करे। शालू बोली- आप ने तो मेरे मुँह की बात छीन ली। मैं भी यही चाहती थी।
भाभी ने कहा- मैं समझ सकती हूँ क्यों कि अभी तुम नई नई हो और तुम्हारे अन्दर जोश का ज्वालामुखी फूट रहा है। ये तुम्हारे चूत के ज्वालामुखी को अपने लण्ड के पानी से बुझा देगा उसके बाद मैं भी चुदवाना शुरु कर दूंगी। शालू बोली- दीदी, तुम एक दम ठीक कह रही हो।
अगले 4 दिनो तक भाभी तड़पती रही। उनका चेहरा एक दम उदास हो गया था। मैं केवल शालू की ही चुदाई करता रहा। शालू को चुदवाने में ही ज्यादा मज़ा आता था। मैंने भी शालू की खूब जम कर चुदाई की। उसने भी पूरि मस्ती के साथ मेरा साथ दिया और खूब जम कर चुदवाया। मैंने इन 4 दिनो में उसे लगभग 30 बार बहुत ही बुरी तरह से चोदा था। उसकी चूत का मुँह एक दम चौड़ा हो चुका था। अब उसका जोश कुछ ठण्डा पड़ चुका था। अब तो वो कभी कभी चुदवाने से इन्कार भी करने लगी थी। शालू की विदाई भी होने वाली थी। उसे 1 महीने के लिये मायके जाना था। 5 दिन गुजर जने के बाद वो मायके चली गई। मायके जाते समय वो मुझसे लिपट कर बहुत रोई। मैंने पूछा, क्या हुआ। उसने कहा- 1 महीने तक मैं बिना चुदवाये कैसे रहूँगी। मैंने कहा- तुम्हे इतना सबर तो करना ही पड़ेगा। सभी औरतो को शादी के बाद मायके तो जाना ही पड़ता है। वो मायके चली गई।
उसके जाने के बाद भाभी मुझसे लिपट गई और फूट फूट कर रोने लगी। मैंने पूछा, क्या हुआ?
तो वो बोली- तुम्हारे भैया के स्वर्गवास हो जने के बाद मेरा जोश एक दम ठण्डा हो गया था। मैं तुम्हारे साथ अकेली ही रहने लगी थी लेकिन मैंने कभी भी तुम्हे बुरी नज़र से नहीं देखा। मैं आराम से रहने लगी थी। तुम्हारा लण्ड देखने के बाद मुझे जोश आ गया और मैंने तुमसे चुदवा लिया। शालू को गाण्ड मरवाते हुये देख कर मैंने तुमसे गाण्ड भी मरवा ली। उसमें भी मुझे बहुत मज़ा आया। तुमने मेरी चुदाई कर के और मेरी गाण्ड मार कर मेरे सारे बदन में आग लगा दी है। 5 दिनों से तुमने मुझे चोदा नहीं और ना ही मेरी गाण्ड मारी। मैंने ये 5 दिन कैसे गुजरे है मैं ही जानती हूँ। शालू तो अब 1 महीने के लिये मायके चली गई है। अब तुम मेरी चूत और गाण्ड की आग को पूरी तरह से बुझा दो। मैंने कहा- भाभी, मैंने तो इनकार नहीं किया है। वो बोली- तुमने ऑफ़िस से शादी के लिये 7 दिनो कि छुट्टी ली थी। तुम 7 दिनो की छुट्टी और ले लो। फिर मुझे 7 दिनो तक खूब जम कर चोदो। मुझे उसी तरह से चोदना जैसे कि उस दिन तुमने गुस्से में शालू को चोदा था।
मैंने कहा- तुम जैसा कहोगी मैं तुम्हे वैसे ही चोदूंगा। मैं तुम्हे पूरी तरह से संतुष्ट कर दूंगा।
भाभी ने सारे कपड़े उतार दिये और एकदम नंगी हो गई। उन्होने मेरा लण्ड चूसना शुरु कर दिया। 2 मिनट में ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया तो मैंने ठीक उसी ताह से भाभी को चोदना शुरु किया जैसे मैंने शालू को गुस्से में चोदा था। उस तरह की चुदाई से भाभी एक दम मस्त हो गई। 7 दिनो तक मैं ऑफ़िस नहीं गया। मैंने इन 7 दिनो में सारा दिन और सारी रात भाभी की खूब जम कर चुदाई की। उसके बाद भी शालू के आने तक मैंने उन्हें खूब चोदा। भाभी की चूत कि आग भी कुछ हद तक बुझ चुकी थी। शालू के वापस आ जाने के बाद मैं उन दोनों कि चुदाई करने लगा। अब वो दोनों ही मुझसे चुदवा कर पूरी तरह से खुश है और मैं भी।
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