Tuesday, October 23, 2012

अब्बु और भाई-1



हेल्लो Sex-Guruji के पाठकगण ! कैसे है आप सब। इस बार रमज़ान की वजह से मैं नेट पर रेगुलर नहीं आ पा रही हूं। खैर ! अब वक्त मिला है तो आप सबकी खिदमत में एक नई कहानी अर्ज है और आप सबके बहुत सारे मेल मिले। शुक्रिया मेरी कहानिया पसन्द करने का।
हां तो आज मैं आप सबको बता रही हूं कि अम्मी कहीं बाहर गई हुई थी और जैसा कि आप सबको पता ही है मेरे अब्बु और भैया मुझे कई बार चोद चुके है और दो चार बार तो साथ में भी चोदा है उन दोनों ने। खैर करीब 15 दिन हो गये थे और मैंने उन दोनो से चुदाया नहीं था क्यूंकि मैं अपने बॉय फ़्रेंड से चुदवा कर बहुत थक जाती थी साला हरामी पता नहीं क्या खा कर चोदता था सारे कस बल ढीले कर देता था पर वो किसी काम के सिलसिले में बाहर गया हुआ था और मेरी आदत लगभग रोज़ ही चुदाने की हो गई थी जब तक बुर में लण्ड ना डलवा लूं चैन ही नहीं आता था।

पर इधर करीब 15 दिन से मैंने नहीं चुदवाया था और उस दिन रात को मैं अपने रूम में एक ब्ल्यू फ़िल्म देख रही थी जिसमे एक लड़की को चार चार साले मुस्टण्डे चोद रहे थे और वो भी साले काले काले हबशी, जिनके मोटे मोटे लण्ड देख कर मेरी आंखे भी फ़ट गई और उस लड़की के तो कहने ही क्या साली इस तरह अपनी गाण्ड और बुर चारों से मरवा रही थी जैसे पता नहीं कबसे चुदवाति आ रही हो। खैर जब मूवी देखने के बाद मुझपे भी मस्ती चढी तब मैं अपने अब्बू के रूम की तरफ़ गई और धीरे से अन्दर चली गई अब्बु सो रहे थे ।
मैंने धीरे से उनकी लुंगी हटा दी और उनका मुरझाया हुआ लण्ड हाथ में लेकर सहलाने लगी। अब्बु थोड़ा सा कुनमुनाये और करवट लेकर सीधे हो गये अब मैंने अपनी निकर उतारी और पूरी तरह से नंगी हो गई और अपने जलते हुए होंठ लेकर उनके लण्ड को इतनी जोर से काटा कि वो आआआआआह्हह्हह्हह्हह कर के उठ बैठे और मुझे देखते हि बोले मेरी रानी बेटी को आज मेरी याद कैसे आ गई और मेरे बाल पकड़ कर फ़िर से मेरे मुँह में अपने लण्ड को धकेल दिया जिसे मैं मज़े से चूस रही थी तब अब्बु ने कहा आज मेरा खयाल कैसे आ गया? तब मैंने कहा अब्बु मैं आज अपने रूम में ब्ल्यू फ़िल्म देख रही थी उसमे एक बहुत ही कम उमर कि लड़की चार चार लोगों से एक साथ चुदवा रही थी।
तब अब्बु ने कहा साले फ़िरंगी (अमेरिकन) होगी। वहां के लोग ऐसे ही होते है । तब मैंने कहा अब्बु मैं भी ऐसे ही चुदवाउंगी। तब अब्बु ने कहा नहीं मेरी बच्ची, उस तरह तो यहां कि अच्छी अच्छी चुद्दकड़ औरतें भी नहीं चुदा पाती, तो तू तो अभी बहुत कमसिन है मगर मैं ज़िद पे उतर आई और कहने लगी, नहीं अब्बु आपको मुझे चार लोगों से एक साथ चुदवाना ही होगा।
तब अब्बु ने कहा- अच्छा अभी चार लोग कहां से लाऊं । अभी तो सिर्फ़ मैं ही हूं और ज्यादा चुदासी हो तो जा बगल के रूम में तेरा भैया साला हाथ कि लगा रहा होगा उसको बुला ला और मैं नंगी ही भैया के कमरे की तरफ़ गई तो देखा कि भैया हकीकत में पूरी तरह से नंगा होकर अपने लण्ड को सहला रहा था। मैं दरवाज़े की आड़ से छुपकर देखने लगी और अब भैया जल्दी जल्दी हाथ चला रहा था और उसके मुँह से ऊऊऊह ऊऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह आआआआआअह्हह्हह्हह्ह आआआ आआआह्हह्हह्हह्ह की आवाज़ निकल रही थी।
तभी मैं दौड़ कर भैया के पास पहुची और जल्दी से उसके लण्ड को अपनी चूचियों पर पटकने लगी उसका लण्ड लम्बा होकर बस अपना रस उण्डेलने ही वाला था। जैसे ही मैंने उसके लण्ड को हाथ में लेकर अपनि चूंची पे रगड़ा तो उसके लण्ड से ढेर सारा माल निकल पड़ा और मैं उसके गाढे रस को जल्दी जल्दी अपनी चूंची पे रगड़ते हुए बोली। अब्बु ठीक ही कह रहे थे तुम तो सही में हाथ की लगा रहे हो। अरे मेरे प्यारे चोदू भैया जब तेरे पास इतनी खूबसूरत चूत है चोदने के लिये तो किसलिये हाथ की मार रहे हो?
तब भैया मेरी चूची को जोर से दबाते हुए बोला, अरे मेरी चुद्दकड़ बहन, हाथ की मारने में भी बहुत मज़ा आता है। तब मैंने कहा अच्छा, अब चलो, अब्बु अपने रूम में बुला रहे हैं और मैं उसके झड़े हुए लण्ड को हाथ से पकड़ कर खीचते हुए अब्बु के रूम में ले आई।
तब अब्बु ने कहा - क्या हुअ बेटी, बहुत देर लगा दी। तब मैंने कहा अब्बु आपने सही कहा था भैया हाथ की लगा रहे थे, वो तो मैं सही वक्त पर पहुच गई वरना तो इन्होने अपना कीमती माल बरबाद कर ही दिया होता"
तब अब्बु हसते हुए बोले - बेटी तजुरबा भी कुछ होता है मैंने तो पहले ही कहा था ये साला हाथ की मार रहा होगा। अच्छा, अब जल्दी से बेड पर आओ और मज़ा करो और फ़िर जैसे ही मैं बेड पर चढी अब्बु मुझसे बोले कि अपने दोनों पैर उनके कन्धो पर रखूं और एक दूसरे से लपेट लूं।
मैंने ऐसा ही किया अब मेरी चूत अब्बु के बिलकुल मुँह के पास थी और मैंने अपने दोनों पैर अब्बु कि गरदन के पीछे लपेटे हुए थे। अब अब्बु धीरे धीरे खड़े होने लगे जिससे मुझे डर लगने लगा। मैंने कहा अब्बु क्या कर रहे है मैं गिर जाउंगी।
तब अब्बु ने कहा - नहीं गिरोगी, आज नया स्टाईल देखो चूत, चुसाने का इस तरह तुमने ब्ल्यू फ़िल्म में भी नहीं देखा होगा और अबू खड़े हो गये। अब वो बिलकुल सीधे खड़े थे और मेरी चूत को चूस रहे थे। मुझे इस तरह डर भी बहुत लग रहा था पर मज़ा भी बहुत आ रहा था ।
तब ही अब्बु ने कहा- बेटी, अब तुम अपना सर नीचे कि तरफ़ झुकाओ। पर मैंने मना कर दिया इस पर वो एक चपत लगाते हुए बोले, साली जैसा कहता हूं कर वरना आज दोनो जने एक साथ तेरी गाण्ड में लण्ड डाल कर फ़ाड़ देगें। तब मै अपने सर को धीरे धीरे नीचे कि तरफ़ ले आई और अब मेरा मुँह उनके मुरझाये हुए लण्ड के पास था जिसे वो आगे बढाने लगे मैं उनका मतलब समझ गई थी और मैंने उनका लण्ड हाथ से पकड़ कर गप्प से मुँह में डाल लिया और चूसने लगी ।
वाआआआआआआआआआह्हह्हह्हह्हह्ह बिलकुल नया तरीका, बुर और लण्ड कि चुसाई का इस तरह से अब मेरा डर जाता रहा और थोड़ी देर बाद ही मैं जोर जोर से अपना मुँह अब्बु के लण्ड पे चलाने लगी ।
इस वक्त एक ज़रूरी कॉल आई है तो मुझे जाना पड़ रहा है, पर अपनी स्टोरी ज़रूर पूरी करुंगी। ओके।
CONTINUED.......
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